हड़ताल के कारण व्यवस्था चमरायी
विभिन्न मांगों को लेकर कर्मचारी संघों ने दिया धरना, की हड़ताल सदर अस्पताल में इलाज के लिए भाग दौड़ करते रहे मरीज सासाराम सदर : अपनी विभिन्न मांगों को लेकर कई कर्मचारी संघ की तरफ से गुरुवार को एक साथ एक ही समय में धरना व हड़ताल पर रहने से सरकारी सेवाओं की व्यवस्था चरमरा […]
विभिन्न मांगों को लेकर कर्मचारी संघों ने दिया धरना, की हड़ताल
सदर अस्पताल में इलाज के लिए भाग दौड़ करते रहे मरीज
सासाराम सदर : अपनी विभिन्न मांगों को लेकर कई कर्मचारी संघ की तरफ से गुरुवार को एक साथ एक ही समय में धरना व हड़ताल पर रहने से सरकारी सेवाओं की व्यवस्था चरमरा गयी. जिले के हर सरकारी कार्यालयों व विभागों में काम प्रभावित हुआ. कर्मचारियों के हड़ताल रहने से जिला मुख्यालय में कलेक्ट्रेट, अनुमंडल, कोषागार, निबंधन कार्यालय, सदर अस्पताल सहित अन्य सरकारी कार्यालयों में कार्य ठप रहा.
जिससे लोगों को काफी कठिनाइयों का समाना करना पड़ा. जिला मुख्यालय में बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ, बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ (गोपगुट) व बिहार राज्य कार्यपालक सहायक सेवा संघ (बेएसा), जल छाजन कर्मचारी संघ, आंगनबाड़ी प्रवेक्षिका संघ, अन्य संविदा संघ ने संयुक्त रूप से धरना दिया.
इसका नेतृत्व महासंघ के जिला मंत्री मनोज कुमार, महासंघ गोपगुट के जिला मंत्री ललन सिंह व महासंघ बेएसा के अध्यक्ष मुकेश कुमार, जल छाजन संघ के अध्यक्ष संतोष कुमार सिंह ने किया. धरने में वक्ताओं ने कहा की प्रदेश सरकार समान काम के समान वेतन के सिद्धांत को ताक पर रख दिया हैं. सातवां वेतनमान वास्तविक रूप से एक जनवरी, 2016 से न देकर कर्मचारियों के साथ धोखाधड़ी कर रही है, जो गलत है. राज्य सरकार कर्मचारियों को वाजिब हक देने में आना-कानी कर रही है.
संविदा पर नियुक्त कर्मियों की सेवा नियमित नहीं कर रही है. न्यूनतम वेतन 18000 रुपये देने व नयी पेंशन योजना को समाप्त करने सहित वेतन की भुगतान भी विलंब से करती है. इसके फलस्वरूप कर्मचारियों में रोष व्याप्त हैं. मौके पर सईद आलम, उदय शंकर तिवारी, जितेंद्र कुमार, सरोज कुमार, रामेश्वर सिंह, रंजन कुमार, नरेंद्र कुमार, अरुण कुमार सिंह, रविशंकर तिवारी, मनजीत कुमार, आकाश कुमार, शिवपुजन साह, दीपक कुमार, रितेश कुमार, प्रियंका कुमारी, ज्योति, कंचन, प्रीति, सुनीता, प्रेम प्रकाश, पंकज, अखिलेश्वर, आदिल, मनोज, सुधा आदि उपस्थित थे.
सदर अस्पताल में मरीजों का हाल बेहाल : कर्मचारियों के हड़ताल पर रहने से सबसे ज्यादा असर स्वास्थ्य विभाग पर पड़ा है. सदर अस्पताल में इलाज कराने आये मरीजों का तो हाल बेहाल हो गया. अस्पताल में शहर से लेकर दूर-दराज ग्रामीण क्षेत्रों के मरीज पहुचते हैं.
ऐसे में एक तो बीमारी दूसरा ज्यादा दूरी तय करना के बावजूद यदि इलाज नहीं होता है, तो मरीजों पर क्या बितता होगा. उन्हें इलाज नहीं होने पर पहाड़ टूटने जैसा लगता हैं. जो यही मुसीबत गुरुवार को सदर अस्पताल में देखने को मिली. कर्मचारियों के हड़ताल से सदर अस्पताल के ओपीडी विभाग बंद रहा. इससे मरीज को काफी कठिनाइयों का समना करना पड़ा, मरीजों के हाल बेहाल होगे गये.
विभागों में पसरा रहा सन्नाटा
हड़ताल से सरकारी कार्यालयों में कार्य ठप रहने के कारण सन्नाटा पसरा रहा. हर सरकारी विभागों के कार्यालयों में प्रवेश करने पर सिर्फ खाली पड़ी कर्मचारी के कुरसियां दिखायी पड़ती था. सामान्य प्रशाखा, जिला नजारत, डीआरडीए, डीपीआरओ, नकल नवीसी शाखा सहित अन्य कार्यालयों में सन्नाटा पसरा रहा.