नहीं होगी उर्वरक की कालाबाजारी, कैशलेस होगा भुगतान

कृषि विभाग सभी दुकानों पर उपलब्ध करायेगा पॉस मशीन व्यवसायियों के कार्य में पारदर्शिता लाने के लिए विभाग ने की पहल सासाराम शहर : उर्वरक की कालाबाजारी से परेशान किसानों को बड़ी राहत मिलने वाली है. अगस्त माह से किसानों को उर्वरक व बीज केवल कैशलेस भुगतान पर ही मिलेगा. कृषि के क्षेत्र को भी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 31, 2017 9:56 AM
कृषि विभाग सभी दुकानों पर उपलब्ध करायेगा पॉस मशीन
व्यवसायियों के कार्य में पारदर्शिता लाने के लिए विभाग ने की पहल
सासाराम शहर : उर्वरक की कालाबाजारी से परेशान किसानों को बड़ी राहत मिलने वाली है. अगस्त माह से किसानों को उर्वरक व बीज केवल कैशलेस भुगतान पर ही मिलेगा. कृषि के क्षेत्र को भी पूरी तरह डिजिटल मोड़ में लाने के लिए बड़े कदम उठाए गए हैं.
इसके तहत उर्वरक व बीज विक्रेताओं को अगस्त माह में पॉस मशीनें उपलब्ध करायी जाएगी. आने वाले समय में डेबिट कार्ड के माध्यम से ही भुगतान करने से लेकर सामान की बिक्री करना अनिवार्य होगा. इसके लिए विभाग भी पूरी तरह से तत्पर होकर डीलरों को पॉस मशीनें उपलब्ध कराने के प्रयासों में लगा हुआ है. विभाग से मिली जानकारी के अनुसार कैशलेस डील होने का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि डीलर किसान से खाद का अधिक मूल्य नहीं ले सकेंगे. इससे नकदी लेनदेन पर भी रोक लगेगी, जो मोदी सरकार के बड़े एजेंडे में शामिल है.
अभी जिनके पास मशीन नहीं, वे बेच सकेंगे नकदी
कृषि विभाग के अनुसार अभी तक किसी डीलरों को पॉस मशीन उपलब्ध नहीं कराया जा सका है. डीएओ ने बताया कि जब तक डीलरों को पॉस मशीन उपलब्ध नहीं हो जा रहा है. तब तक वे कैश से हीं लेन-देन करेंगे. उन्होंने बताया कि अब डीलरों का किसानों के साथ सारे लेन-देन की प्रक्रिया पर सरकार की नजर बनी रहेगी. इस प्रकिया के शुरू हो जाने से कोई भी व्यक्ति करों की चोरी करने में सफल नहीं हो पायेगा. इससे व्यवसायियों के कार्य में पारदर्शिता आएगी. सबकुछ आइने की तरह साफ होगा.
जिले में कुल 1,085 निबंधित डीलर
जिले में खाद के कुल 1,085 निबंधित डीलर मौजूद हैं. कृषि विभाग द्वारा सभी डीलरों को अगस्त माह में पॉस मशीन उपलब्ध करा दिया जाएगा. अब वह इन मशीनों के माध्यम से ही अपना सारा लेन देन आदि कर सकेंगे.
इसके लिए खुदरा विक्रेताओं से लेकर आम किसानों को भी डेबिट कार्ड रखना जरूरी होगा. क्योंकि, कार्ड रहने पर ही वे पॉस मशीन का इस्तेमाल कर भुगतान कर सकेंगे. ऐसा नहीं करने पर उन्हें उर्वरक, बीज कुछ भी नही मिल पाएगा. बताया जा रहा है कि इससे किसानों की खाद कालाबाजारी की शिकायत भी दूर की जा सकेगी.
बहुत जल्द ही सभी उर्वरक और बीज विक्रेताओं के पास पॉस मशीनें उपलब्ध हो जाएंगी. इसके बाद कोई भी विक्रेता पॉस मशीनों के माध्यम से ही अपना लेन देन कर सकेगा. इलेक्ट्रॉनिक भुगतान किसानों के हित में है व इसके लिए उन्हें प्रोत्साहित भी किया जाएगा.राधारमण, जिला कृषि पदाधिकारी, रोहतास

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