आधी आबादी को हुनरमंद बनाना जरूरी

प्रशिक्षण केंद्र कोचस : शशिकेशव फांउडेशन के तत्वावधान में ओझवलियां में सिलाई-कटाई प्रशिक्षण का केंद्र खोला गया. इसका उद्घाटन पूर्व केंद्रीय मंत्री कांति सिंह की वधू व फाउंडेशन की सचिव अदिति कुमारी ने की. इस मौके पर मुख्य अतिथि ने कहा कि गांवों को समृद्धशाली बनाने के लिए पुरुषों के साथ ही साथ महिलाओं को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 2, 2017 9:31 AM
प्रशिक्षण केंद्र
कोचस : शशिकेशव फांउडेशन के तत्वावधान में ओझवलियां में सिलाई-कटाई प्रशिक्षण का केंद्र खोला गया. इसका उद्घाटन पूर्व केंद्रीय मंत्री कांति सिंह की वधू व फाउंडेशन की सचिव अदिति कुमारी ने की. इस मौके पर मुख्य अतिथि ने कहा कि गांवों को समृद्धशाली बनाने के लिए पुरुषों के साथ ही साथ महिलाओं को भी हुनरमंद बनना पड़ेगा.
अगर महिलाएं हुनरमंद होती है, तो देश की उन्नति और तेजी से बढ़ेगी. परंतू, देश की आधी आबादी जो पुरुषों के कंधा से कंधा मिला कर चलने की कसमें खाती है. शादी के बाद दकियानूसी अवधारणाओं का शिकार होकर घरों में कैद हो जाती है. आज जिस तेजी से महंगाई बढ़ रही है. रोजमर्रा की जीवन उपयोगी सामग्री दिन दुगनी रात चौगुनी बढ़ रही है. वैसे में पुरुषों के साथ अगर महिलाएं भी तकनीकी अनुभवों जैसे सिलाई, कटाई, बुनाई, पेंटिंग, बिंदी बनाने सहित अन्य जानकारी प्राप्त कर ले, तो गांव के लोग शहरों को पीछे छोड़ देंगे.
आज जो प्रतिभाएं घर के दहलीज के अंदर कुंठित हो रही है. उन्हें संजोने-संवारने और उनकी प्रतिभा को उभारने व हुनरमंद बनाने जरूरत है. ताकि, उनके सपनों को पंख लग सके. उन्होंने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति डाॅ एपीजे अब्दुल कलाम ने कहा था कि ‘सपने वो नहीं होते जिसे सोने के बाद देखा जाएं. बल्कि, सपने वो होते हैं जिसे जिया जायें.’ ऐसे ही सपनों को केशव प्रसाद सिंह ने भी देखी थी. गांव के लोगों को हुनरमंद बनाने की. आज यह फांउडेशन वैसे ही बहू बेटियों को हुनरमंद बनाने की ठानी है, जो गरीबी और अशिक्षा की वजह से घरों में कैद होकर तकनीकी हुनर के अभाव में कुंठा की शिकार है.
इसके लिए उन्हें प्रशिक्षण और अवसर की आवश्यकता है. यह फाउंडेशन वैसे बहू और बेटी को अवसर प्रदान कर हुनरमंद बनायेगी. इस मौके पर विमला देवी, धर्मशीला देवी, मधु कुमारी, सरोज देवी आदि महिलाएं शामिल थी.

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