शहर की कोई ऐसी गली नहीं, जहां गंदगी नहीं

शहर में नहीं दिख रहा जश्न-ए आजादी का असर रक्षाबंधन के बाद चौक चौराहों पर लगा कचरे का अंबार नगर पर्षद की बढ़ी बेचैनी, शहर वासी परेशान सासाराम : जिला प्रशासन जश्न-ए-आजादी मना रहा है. हम स्वतंत्रता दिवस को स्वच्छता दिवस के रूप में मनाने के लिए प्रयासरत है और नगर पर्षद शहर-ए-गंदगी मनाने को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 9, 2017 12:14 PM
शहर में नहीं दिख रहा जश्न-ए आजादी का असर
रक्षाबंधन के बाद चौक चौराहों पर लगा कचरे का अंबार
नगर पर्षद की बढ़ी बेचैनी, शहर वासी परेशान
सासाराम : जिला प्रशासन जश्न-ए-आजादी मना रहा है. हम स्वतंत्रता दिवस को स्वच्छता दिवस के रूप में मनाने के लिए प्रयासरत है और नगर पर्षद शहर-ए-गंदगी मनाने को बेचैन है. लगता है कि नगर पर्षद के सर से अभी राखी की खुमारी नहीं उतरी है. राखी बीतने के बाद आम नागरिक तो अपनी रंगत में लौट आये हैं ,पर लगता है नगर पर्षद जब तक रंगत में लौटेगा, तब तक स्वतंत्रता दिवस की खुमारी आ जायेगी. ऐसी स्थिति में शहर को स्वच्छ और सुंदर देखने की लालसा शायद ही पूरी हो पाये. डीएम साहब जितनी मेहनत जिले को ओडीएफ धोषित करने के लिए कर रहे है. अगर उसका दस प्रतिशत ध्यान भी शहर की स्वच्छता पर दे देते तो शहरवासियों की जिंदगी बदल जाती.
शहर का कोई ऐसा मुहल्ला नहीं है, जहाँ गंदगी का अम्बार न हो. शहर के जितने भी नामी गिरामी चौक-चौराहे है, उनकी स्थिति बद से बदतर हो गयी है. सबसे बुरा हाल उन चौराहों का है,जहां राखी का बाजार लगा था. वो चाहे पोस्ट ऑफिस चौराहा हो, चाहे धर्मशाला चौक हो, चाहे चौखंडी पथ हो, चाहे धर्मशाला बाजार हो ,सभी जगह गंदगी का अंबार लगा है. इन जगहों पर अतिक्रमणकारियों का कब्जा रहता है. मजे की बात यह है कि इन दिनों नगर पर्षद ने अतिक्रमणकारियों के खिलाफ मुहिम चला रखी है.
बावजूद इसके उन लोगों ने दुकानें लगायी, राखियां बेची व कूड़ा कचरा फैला कर चलते बने और नगर पर्षद मूकदर्शक बना रहा. शहरवासियों की मानें तो पर्षद अतिक्रमण हटाने का नाटक करता है, जबकि हकीकत में पर्षद के कर्मचारियों की अतिक्रमणकारियों के साथ मिलीभगत होती है, जिसके एवज में मोटी रकम की वसूली होती है. वसूली का पैसा स्थानीय पुलिस को भी जाता है ताकि किसी तरह का हंगामा होने पर मामले को दबाया या सुलझाया जा सके. दुकानदारों की मानें तो इसमें उनकी कोई गलती नहीं है. उनके पास जीवन यापन का कोई और साधन नहीं है. जब तक प्रशासन उन्हें कोई स्थायी जगह नहीं उपलब्ध कराता है, तब तक वे अतिक्रमण कर अपनी रोजी-रोटी चलाने को विवश है.
इसके लिए उन्हें चाहे जो करना या सहना पड़े. नगर पर्षद के कार्यपालक पदाधिकारी मनीष कुमार के अनुसार कचरा का उठाव शुरू हो गया है. स्वतंत्रता दिवस तक शहर को साफ-सुथरा करने का हरसंभव प्रयास किया जायेगा. इसमें बाधा बनने वालों लोगों व दुकानदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी. जिला जश्न-ए-आजादी कार्यक्रम के प्रभारी व डीआरडीओ के निदेशक विनोद कुमार सिंह ने कहा कि अगर स्वतंत्रता दिवस तक शहर साफ-सुथरा नहीं हुआ तो संबंधित लोगों पर कार्रवाई की जायेगी.

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