तीन तलाक : पुरुष नाराज, तो महिलाओं में दिखी खुशी

बिक्रमगंज. बिक्रमगंज शहर में चिकित्सक डॉ नजमा अख्तर इस फैसले को मुसलिम समाज के अंदरूनी मामलों में हस्तक्षेप मानती हैं. डॉ नजमा ने बताया कि संविधान अपनी जगह तो धर्म अपनी जगह होना चाहिए. और पहले से ही कुरान व हदीश में महिलाओं को समान अधिकार मिला है. इसमें सुप्रीम कोर्ट की दखलंदाजी धार्मिक भावनाओं […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 23, 2017 10:42 AM
बिक्रमगंज. बिक्रमगंज शहर में चिकित्सक डॉ नजमा अख्तर इस फैसले को मुसलिम समाज के अंदरूनी मामलों में हस्तक्षेप मानती हैं. डॉ नजमा ने बताया कि संविधान अपनी जगह तो धर्म अपनी जगह होना चाहिए. और पहले से ही कुरान व हदीश में महिलाओं को समान अधिकार मिला है. इसमें सुप्रीम कोर्ट की दखलंदाजी धार्मिक भावनाओं को आहत करनेवाला है. वहीं, मशहूर उद्घोषक मोहम्मद फिरोज खान व उनकी पत्नी का मत अलग अलग है.
तीन तलाक पर मोहम्मद फिरोज खान कहते है कि यह धर्म पर पाबंदी वाला फैसला है. वहीं इनकी पत्नी शबनम कहती हैं कि यह महिला समाज की जीत है. हालांकि, मुसलिम धर्म में सभी को समान अधिकार मिला हुआ है, फिर भी यह फैसला हम महिलाओं के पक्ष में है. जिसका हम तहे दिल से स्वागत करते है. सूर्यपुरा >> बलिहार के युवा मजहरूल हक ने कहा कि कोर्ट का फैसला ऐतिहासिक है. सदियों से चली आ रही कुप्रथा को खत्म होने से मुस्लिम महिलाओं को बड़ी राहत मिली है.
सूर्यपुरा पंचायत के मुखिया सरफराज अहमद ने कहा कि सबसे पहले इस फैसले को राजनीति करण न हो. तीन तलाक पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिये गये फैसला से निश्चित ही मुस्लिम महिलाओं के बीच 1460 से चली आ रही कुप्रथा को खत्म हुई है. इससें मुसलिम महिलाएं भयमुक्त जीवन जीने का अधिकार मिला. सूर्यपुरा के डेंटिस्ट डाॅ एस अहमद बताया कि इसलामिक नियम कानून के तहत पहले का तीन तलाक ही सही था.

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