कोर्ट के आदेश के बाद भी निजी जमीन से नहीं हटाया गया सरकारी अतिक्रमण

सड़क बनाने वाले ठेकेदार पर प्राथमिकी दर्ज करा चुप बैठ गयी नगर पर्षद सासाराम कार्यालय : नगर पर्षद ने शहर के वार्ड नंबर 18 में निजी जमीन पर सड़क बना दी. विवाद उभरा और मामला न्यायालय में गया, तो नगर पर्षद के कार्यपालक पदाधिकारी ने ठेकेदार को जिम्मेवार ठहरा प्राथमिकी दर्ज कराने का आवेदन थाना […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 28, 2017 11:28 AM
सड़क बनाने वाले ठेकेदार पर प्राथमिकी दर्ज करा चुप बैठ गयी नगर पर्षद
सासाराम कार्यालय : नगर पर्षद ने शहर के वार्ड नंबर 18 में निजी जमीन पर सड़क बना दी. विवाद उभरा और मामला न्यायालय में गया, तो नगर पर्षद के कार्यपालक पदाधिकारी ने ठेकेदार को जिम्मेवार ठहरा प्राथमिकी दर्ज कराने का आवेदन थाना को दे दी.
इसकी सूचना अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी को दिया. इसके बावजूद निजी जमीन पर बनी सड़क को हटाने का प्रयास नहीं किया गया. आलम यह कि निजी जमीन मालिक अपने को ठगा महसूस कर रहे हैं. बड़ी बात यह कि सड़क निर्माण की जिम्मेवारी लिये अन्य विभागीय अधिकारियों पर कार्रवाई के नाम पर शून्यता है.
शिकायत दर्ज कराने के बाद भी बना दी सड़क :गौरतलब है कि शहर के वार्ड नंबर 18 में नवीन कुमार सिन्हा के करीब 2000 वर्ग फुट निजी जमीन पर नगर पर्षद ने सड़क बनवा दी. जबकि सड़क निर्माण से पहले और निर्माण के दौरान जमीन मालिक ने कई बार नप को लिखित रूप में इसकी शिकायत की.
सड़क पूरी बन गयी. थक हार कर जमीन मालिक अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के न्यायालय की शरण में गये. 3 जून 2017 को न्यायालय ने नगर पर्षद से प्रतिवेदन की मांग की थी. प्रतिवेदन नहीं मिलने पर 19 जून 2017 को न्यायालय ने एक सप्ताह के अंदर निर्माण को निर्माण को हटाने का आदेश देते हुए ठेकेदार के विपत्र भुगतान पर रोक लगाने का आदेश देते हुए पुन: प्रतिवेदन की मांग की. इसके करीब दो माह बाद 18 अगस्त 2017 को ठेकेदार के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराने का प्रतिवेदन उसी दिन नप ने न्यायालय में प्रस्तुत किया. इस संबंध में नवीन कुमार सिन्हा ने कहा कि सड़क निर्माण के लिए अन्य भी लोग दोषी हैं.
उन्होंने अवैध निर्माण का कई बार सूचना नगर पर्षद को दिया था. उनके इंजीनियर मौके पर होते थे. लेकिन, किसी ने भी हमारी नहीं सुनी. हमारी जमीन का एक बड़ा भूभाग सरकारी देखरेख में अतिक्रमित कर लिया गया. हालात अभी भी जस का तस है. मेरे जमीन से नगर पर्षद ने अतिक्रमण नहीं हटायी है. अन्य दोषियों को बचाने की कोशिश हो रही है

Next Article

Exit mobile version