न परमिशन, न ही टैक्स की जरूरत

सासाराम (नगर) : न टैक्स का झमेला, न ही परमिशन की जरूरत. जब इच्छा, तब खदान क्षेत्र में क्रशर चलने लगती है. अनुज्ञप्ति रद्द होने के बाद भी विशेष कर गोपी बिगहा (डेहरी) मौजा में संचालक क्रशर से पत्थर तोड़ रहे हैं. इसमें न तो उन्हें सेल्स टैक्स देने की जरूरत है और न ही […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 10, 2014 6:01 AM

सासाराम (नगर) : न टैक्स का झमेला, न ही परमिशन की जरूरत. जब इच्छा, तब खदान क्षेत्र में क्रशर चलने लगती है. अनुज्ञप्ति रद्द होने के बाद भी विशेष कर गोपी बिगहा (डेहरी) मौजा में संचालक क्रशर से पत्थर तोड़ रहे हैं. इसमें न तो उन्हें सेल्स टैक्स देने की जरूरत है और न ही किसी अधिकारी से परमिशन लेने की.

प्रशासन से अनुमति नहीं मिलने के बाद भी कारोबारी दूसरे खदान के चलान पर करवंदिया पहाड़ से निकले पत्थर को तोड़ने का काम कर रहे हैं. प्रशासन व विभाग भी स्थिति व परिस्थिति को भांप मौन रहना ही बेहतर समझ रहा है. संबंधित क्षेत्र के थाने की पुलिस भी बहती गंगा में हाथ धोने के मौके को गंवाना नहीं चाहती. इस अवैध कारोबार के खेल में कारोबारी हो या पुलिस हर कोई गोटी लाल करने में पीछे नहीं.

काम न आयी याचिका

लगभग तीन माह पहले क्रशर मशीन की धूल से पर्यावरण को खतरा बताने वाली नारायण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल की याचिका भी अब तक मशीन के संचालन पर रोक नहीं लगा सकी है. याचिका पर हाइकोर्ट की सख्ती के बाद प्रशासन ने कुछ दिनों तक छापेमारी कर पत्थर लदे गाड़ियों की धर-पकड़ की, परंतु बाद में वह भी बंद हो गया.

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