महापर्व में सभी हुए शामिल

सुबह से ही महिलाएं, बड़े-बुजुर्ग व युवा भी मतदान करने पहुंचे सासाराम (कार्यालय) : चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था के बीच गुरुवार को सासाराम संसदीय सीट के लिए मतदान संपन्न हो गया. इस सीट के तहत जिले के 318 मतदान केंद्रों पर तीन लाख से अधिक मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. लोकतंत्र के इस महापर्व […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 11, 2014 4:37 AM

सुबह से ही महिलाएं, बड़े-बुजुर्ग व युवा भी मतदान करने पहुंचे

सासाराम (कार्यालय) : चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था के बीच गुरुवार को सासाराम संसदीय सीट के लिए मतदान संपन्न हो गया. इस सीट के तहत जिले के 318 मतदान केंद्रों पर तीन लाख से अधिक मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. लोकतंत्र के इस महापर्व में कोई भी अपनी सहभागिता नहीं छोड़ना चाह रहा था. सुबह से ही महिलाएं, बड़े-बुजुर्ग व युवा सभी सुबह से वोट डालने के लिए कतारबद्ध थे.

सासाराम के शहरी क्षेत्रों सहित ग्रामीण क्षेत्रों के धनकाढ़ा, धौडाढ़, दरिगांव, बेलाढ़ी, आलमपुर व बड्डी, शिवसागर के खुर्माबाद, मलदाहा, मोरसराय व बेदा समेत अन्य स्थानों पर काफी संख्या में लोग मतदान के लिए उमड़े. सुबह सात बजे से शाम चार बजे तक मतदान का समय निर्धारित था. सभी मतदान केंद्रों पर चुनावकर्मी समय से पहुंच गये थे. शाम चार बजे तक निर्बाध रूप से मतदान चलता रहा.

कई स्थानों पर वोट बहिष्कार : चेनारी विधानसभा के तुर्की, शिवसागर प्रखंड के डुमरी, चेनारी प्रखंड की पहाड़ी पर बसे गांवों में भुड़कुड़ा, अवरइयां व ऊरदगा आदि गांवों के लोगों ने प्रतिनिधियों द्वारा नजरअंदाज किये जाने के विरोध में वोट मतदान का बहिष्कार किया. तुर्की गांवों के लोगों का कहना है कि आजादी के 67 वर्ष बीतने के बावजूद बुनियादी सुविधाओं का अभाव है. आज तक गांव में सड़क नहीं बन सकी है. गांव के लोग सांसद-विधायक से लेकर जिला व राज्य स्तर के अधिकारियों से सड़क निर्माण की गुहार लगा चुके हैं.

कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मतदान : सासाराम के सभी मतदान केंद्रों पर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किये गये थे. लगभग सभी केंद्रों पर अर्धसैनिक बलों की तैनाती से मतदान कार्य शांतिपूर्ण स्थिति में संपन्न हुआ. केंद्रों पर सुरक्षा के जवान पहचान पत्र दिखाने के बाद ही मतदान केंद्र में प्रवेश करने दे रहे थे. मतदान केंद्रों पर किसी तरह की अनहोनी न हो इसके लिए जोनल मजिस्ट्रेट, वरीय अधिकारी व पैट्रोलिंग दस्ते के सदस्य बराबर जायजा लेते रहे.

केंद्रों पर बुनियादी सुविधाओं का अभाव : चुनाव आयोग के निर्देश के बावजूद मतदान केंद्रों पर बिजली, पेयजल व शौचालय का अभाव दिखा. अधिकांश केंद्रों पर प्रकाश की व्यवस्था न के बराबर रही. हालांकि जेनेरेटर लगाये गये थे, जो बंद ही रहे. कई मतदान केंद्रों पर पेयजल को लेकर आपाधापी मची रही. चेनारी के कई मतदान केंद्रों पर कड़ी धूप में मतदान के लिए आये लोगों को पीने का पानी भी नहीं मिलने की सूचना है.

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