जिले में सात साल बाद होगी अब खनन पट्टों की नीलामी
खनन क्षेत्र में सौ मीटर दूरी पर होगी पक्की दीवार से घेराबंदी सासाराम सदर : जिले में सात वर्षों बाद पत्थर कारोबारियों व मजदूरों के दिन बहुरने वाले है. जिले में तीन खनन पट्टों की नीलामी की प्रक्रिया शुरू करने के लिए सरकार ने मुहर लगा दी है. इससे पत्थर कारोबारियों व मजदूरों में काफी […]
खनन क्षेत्र में सौ मीटर दूरी पर होगी पक्की दीवार से घेराबंदी
सासाराम सदर : जिले में सात वर्षों बाद पत्थर कारोबारियों व मजदूरों के दिन बहुरने वाले है. जिले में तीन खनन पट्टों की नीलामी की प्रक्रिया शुरू करने के लिए सरकार ने मुहर लगा दी है. इससे पत्थर कारोबारियों व मजदूरों में काफी उत्साह व्याप्त है.
जिला खनन पदाधिकारी सह विशेष कार्य पदाधिकारी ज्ञानेंद्र कुमार ने बताया कि जिले के खनन पट्टों की नीलामी के लिए वन संरक्षण सह अपर सचिव से अनुमति मिल गयी है. गिजवाही व गायघाट के लिए प्रस्तावित तीन ब्लॉक को खनन पट्टों की स्वीकृति दी गयी.
शीघ्र ही इन पट्टों की नीलामी की प्रक्रिया शुरू की जायेगी. प्रक्रिया शुरू करने से पहले जांच टीम निरीक्षण करेगी. इसके बाद पट्टों का टेंडर किया जायेगा. जिला खनन पदाधिकारी ने कहा कि खनन पट्टों की नीलामी के प्रकिया का प्रस्ताव पटना में सचिव की बैठक में किया गया था.
इस पर सचिव ने खनन के प्रति सक्रिय होकर इन पट्टों की नीलामी के प्रक्रिया की स्वीकृती दे दी है. खनन क्षेत्र को सुरक्षित रखने के लिए सौ मीटर दूर पक्की दीवार खड़ी कर घेराबंदी की जायेगी. जिला खनन पदाधिकारी ने बताया कि नीलामी की प्रक्रिया पूरी होने के बाद अवैध खनन पर नियंत्रण रखने के लिए ही दीवार का निर्माण किया जायेगा.
इसके लिए खान व भूतत्व विभाग निविदा, दस्तावेज व नीलामी के लिए विज्ञापन प्रारूप में आवश्यक शर्त से उल्लेख किया जायेगा. कार्यादेश निर्गत करने के पहले निर्माण सुनिश्चित करने के पहले दीवार निर्माण सुनिश्चित करने की जवाबदेही भूतत्व विभाग की होगी.
कारोबारियों व मजदूरों में खुशी की लहर
जिले में तीन खनन पट्टों की नीलामी की खबर मिलते ही पत्थर कारोबारियों सहित दिहाड़ी मजदूरों में खुशी की लहर दौड़ गयी. सात सालों से बंद पड़े खनन पट्टों की पुन: नीलामी की प्रक्रिया शुरू हो जाने से कई पत्थर कारोबारियों व दिहाड़ी मजदूरों ने राहत की सांस ली है. उन्हें उम्मीद हो गयी है. रोजगार के लिए अवसर प्राप्त होगा. खनन पट्टों की बंदोबस्ती बंद होने से कई पत्थर कारोबार व मजदूर बेरोजगार हो गये थे. लेकिन, अब उन्हें रोजगार के लिए एक नयी किरण की उम्मीद जगी है.