लंगर, पाठ व कीर्तन दरबार
सासाराम (नगर) : बैसाखी पर्व पर सोमवार को जिले में भक्ति व श्रद्धा का वातावरण रहा. गुरुद्वारे से लेकर मंदिर तक पूजा-पाठ आयोजित हुए. शहर के टकसाल संगत व चाचा फागुमल गुरुद्वारे में बैसाखी पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किये गये. अंतिम दिन पाठ, लंगर व कीर्तन दरबार की धूम रही. शिवालयों में लोगों ने भगवान […]
सासाराम (नगर) : बैसाखी पर्व पर सोमवार को जिले में भक्ति व श्रद्धा का वातावरण रहा. गुरुद्वारे से लेकर मंदिर तक पूजा-पाठ आयोजित हुए. शहर के टकसाल संगत व चाचा फागुमल गुरुद्वारे में बैसाखी पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किये गये. अंतिम दिन पाठ, लंगर व कीर्तन दरबार की धूम रही.
शिवालयों में लोगों ने भगवान शिव की पूजा की. शिव मंदिरों में कलश रखे गये, जिसमें गंगा दशहरा तक प्रतिदिन जल भरे जायेंगे. हिंदुओं ने बैसाखी को मेष संक्रांति (सत्तुआन) के रूप में मनाया. इस मौके पर हिंदू समुदायों ने चने का सत्तू, गुड़ व आम का आहार किया.
गुरुद्वारे में संपन्न हुआ तीन दिवसीय कार्यक्रम : शहर के जानी बाजार स्थित टकसाल संगत व चाचा फागुमल गुरुद्वारे में तीन दिनों से चल रहा बैसाखी पर्व महोत्सव सोमवार को संपन्न हो गया. सिख धर्मावलंबियों ने इसे खालसा दिवस के रूप में मनाया.
तीन दिनों में अमृतसर के अलावा स्थानीय रागी जत्थाधारियों ने गुरुग्रंथ साहिब का पाठ, शब्द कीर्तन व कीर्तन दरबार में भाग लेकर बैसाखी के महत्व को बता कर ‘शरबत दा भला’ का संदेश दिया. अंतिम दिन दोनों गुरुद्वारों में लंगर का आयोजन किया गया. इसमें काफी संख्या में लोगों ने भाग लिया. कार्यक्रम में सरदार मानिक सिंघ, परमजीत सिंघ, बलबीर सिंघ, उदय सिंघ, मनमोहन सिंघ, सूचित सिंघ, अशोक सिंघ, प्रताप सिंघ, राजेंद्र सिंघ, प्रदीप सिंघ, हरिभजन सिंघ, हरदयाल सिंघ, तारा कौर, किरण कौर, सीमा कौर, पुष्पा कौर व शीला कौर समेत कई लोगों ने अहम भूमिका निभायी.