चुनावी समर में आमने-सामने होंगे रोहतास के दो दिग्गज !

असान नहीं होगी चुनावी डगर, होगी कांटे की टक्कर सासाराम ग्रामीण : द भभुआ-सासाराम सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक (सहकारिता बैंक) के अध्यक्ष का चुनाव होना है. चुनाव को लेकर चुनावी तफ्तीश बढ़ने लगी है. इस चुनाव में रोहतास के दो दिग्गज आमने-सामने होंगे. कोई अपनी कुर्सी बचाने की कवायद करेगा तो कोई अपना जनाधार बढ़ाने का […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 22, 2017 8:05 AM
असान नहीं होगी चुनावी डगर, होगी कांटे की टक्कर
सासाराम ग्रामीण : द भभुआ-सासाराम सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक (सहकारिता बैंक) के अध्यक्ष का चुनाव होना है. चुनाव को लेकर चुनावी तफ्तीश बढ़ने लगी है. इस चुनाव में रोहतास के दो दिग्गज आमने-सामने होंगे. कोई अपनी कुर्सी बचाने की कवायद करेगा तो कोई अपना जनाधार बढ़ाने का प्रयास करेगा.
भले ही जातीय मतों के ध्रुवीकरण के जरिये तख्ता पलटने का प्रयास किया जायेगा, लेकिन जातीय मतों के सहारे सत्ता हथियाने का सपना सकार होता नहीं दिख रहा है. इस चुनाव में पूर्व से ही रुपये की अहमियत अधिक रहती है. इस बार भी इसकी संभावना प्रबल है. चुनावी डगर किसी के लिए असान नहीं होगा, कांटे की टक्कर की संभावना है.
जो दो दिग्गज आमने-सामने होंगे उनमें वर्तमान अध्यक्ष रमेश चौबे एवं चैंपियन ग्रुप के आलोक सिंह के साले नीरज हैं. रमेश चौबे बीड़ी पत्ता के ठेकेदारी से लेकर अध्यक्ष तक का सफर तय कर चुके है, वहीं आलोक सिंह के भाई एमएलसी हैं, जो नीरज सिंह के करीबी रिश्तेदार हैं. ऐसे में संभावना है कि आलोक सिंह भी चुनाव में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ेंगे. मतदाता सूची के अंतिम प्रकाशन के बाद ही चुनावी सरगर्मी तेज हो गयी हैं. मतदाताओं को रिझाने का प्रयास शुरू है. जोड़-तोड़, लोभ-लालच सहित तमाम हथकंडे अपनाने जाने लगे है. सूत्रों की मानें, तो खरीद फरोख्त के भी संकेत मिल रहे हैं.
दोनों पक्ष जन संपर्क अभियान भी शुरू कर दिये है. हालांकि, कैमूर जिले से दो नाम भी इस पद के लिए आने लगे हैं, लेकिन अभी तक तस्वीर साफ नहीं हो सका है. सत्ता पर काबिज होने के लिए सभी हथकंडे अपनाये जा सकते है. गौरतलब है कि अध्यक्ष पद के लिए पैक्स अध्यक्ष ही दावेदारी कर सकते हैं.
जबकि, वोटर पैक्स एवं व्यापार मंडलों तथा केन यूनियनों के अध्यक्ष, सहयोग समितियों के लोग होते हैं. कुल लगभग 430 वोटर अध्यक्ष को सेहरा बांधने के लिए मतदान करेंगे. वैसे राजपूत मतदाता सबसे अधिक हैं, जो इस चुनाव में खास मायने नहीं रखता. हालांकि, इन प्रत्याशियों को रिझाने के लिए दोनों पक्षों द्वारा प्रयास किया जायेगा वोट भी निर्णायक साबित हो सकता है. दो जिला क्रमश: रोहतास, कैमूर के मतदाता मिल कर अध्यक्ष का चुनाव करते है.

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