सासाराम (नगर) : जिला मुख्यालय के बीच शहर में स्थित सिविल कोर्ट को महरनियां गांव के पास ले जाने के प्रस्ताव का वकील विरोध करेंगे. गुरुवार को जिला विधिज्ञ संघ के केंद्रीय कक्ष में हुई बैठक में वकीलों ने यह निर्णय लिया. अध्यक्ष जेएन सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में तीन सूत्री प्रस्ताव पारित किया गया.
इसमें कहा कि हर हालत सिविल कोर्ट के अधिवक्ता न्यायालय को महरनियां के पास ले जाने के प्रस्ताव का विरोध करेंगे. इसके लिए जरूरत पड़ी तो हाइकोर्ट का भी सहारा ले सकते हैं. शहर से लगभग तीन किलोमीटर दक्षिणी में प्रस्तावित नये स्थल को वकीलों ने सुरक्षा की दृष्टिकोण से उपयरुक्त नहीं माना और कहा कि नये स्थल पर कार्य करने में हर किसी को परेशानी होगी. क्योंकि, समाहरणालय समेत तमाम प्रशासनिक अधिकारियों का कार्यालय शहर में स्थित है.
सुरक्षा व कार्य की दृष्टिकोण से कोर्ट के लिए सबसे उपयरुक्त स्थल कहां होगा इस पर भी वकीलों ने अपनी राय दी. अध्यक्ष ने बताया कि बैठक में वकीलों ने यह निर्णय लिया कि वर्तमान में कार्यरत न्यायालय के उत्तर की तरफ स्थित एसडीओ, डीसीएलआर, रजिस्ट्री ऑफिस व ट्रेजरी के कैंपस को कोर्ट के नाम से आवंटित किया जाय या फिर शहर के पश्चिमी छोर पर शेरशाह होटल विहार के बगल में स्थित सिंचाई विभाग की खाली पड़ी लगभग पांच एकड़ भूखंड को आवंटित किया जाय. यदि प्रशासन सुरक्षा व कार्य को नजरअंदाज कर प्रस्तावित स्थल पर ही कोर्ट को स्थानांतरित करने का फैसला लेता है तो इसका विरोध किया जायेगा. उन्होंने कहा कि रोहतास बार एसोसिएशन, रोहतास जिला विधिज्ञ संघ व मुख्तार खाना की एक संयुक्त स्टैंडिंग कमेटी बना कर फैसले व पारित प्रस्ताव से डीएम और अन्य अधिकारियों को अवगत कराया जायेगा, ताकि आधिकारिक स्तर पर सार्थक पहल हो सके. बैठक में अध्यक्ष के अलावा संघ के पूर्व अध्यक्ष शेषनाथ सिंह, राजेश्वर सिंह, सुरेंद्र मिश्र, प्रमोद कुमार पांडेय समेत कई वकीलों ने अपने विचार व्यक्त किये.