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पेवंदी गांव के तालाब का किया जा रहा अतिक्रमण
सासाराम कार्यालय : चेनारी क्षेत्र सूखाग्रस्त क्षेत्र माना जाता है. पहाड़ी तराई में होने के कारण यहां सिंचाई की व्यवस्था तालाबों पर निर्भर थी. इसी के मद्देनजर पेवंदी गांव के पूर्वजों ने गांव में विशाल तालाब का निर्माण कराया था. स्थानीय निवासी रेणुका पांडेय की माने तो वर्तमान समय में भी इसी तालाब के पानी […]
सासाराम कार्यालय : चेनारी क्षेत्र सूखाग्रस्त क्षेत्र माना जाता है. पहाड़ी तराई में होने के कारण यहां सिंचाई की व्यवस्था तालाबों पर निर्भर थी. इसी के मद्देनजर पेवंदी गांव के पूर्वजों ने गांव में विशाल तालाब का निर्माण कराया था. स्थानीय निवासी रेणुका पांडेय की माने तो वर्तमान समय में भी इसी तालाब के पानी से समीप के खेतों की सिंचाई की जाती है. लेकिन, अब यह ज्यादा दिनों तक खेतों के लायक नहीं रहेगा. तालाब को अतिक्रमणकारी चारों ओर से घेरने लगे हैं. अभी कच्चा का मकान बनाये है. बाद में अपनी जमीन होने का दावा करेंगे. कच्चे मकानों के कारण तालाब से खेतों तक पानी ले जाने के कई रास्ते अवरूद्ध हो चुके है.
समीप के खेतों में पानी नहीं पहुंचने से फसल लगाने से किसान कतराने लगे है. अतिक्रमण के विरूद्ध प्रशासनिक कार्रवाई नहीं होने से अतिक्रमणकारियों के हौसले बढ़ते जा रहे है. ऐसे में परेशानी किसानों को हो रही है, जिनके खेत तालाब के समीप है. श्रीमति पांडेय की माने तो तालाब के समीप खाता नंबर-13 के प्लॉट नंबर-386,390,392 व 394 के सामने की जमीन का अवैध कब्जा कर कुछ लोग अपने निजी कार्य में उपयोग कर रहे हैं. वहीं गांव के निवासी
राजगृही मिश्र व सुदर्शन पांडेय ने बताया कि कई बार तालाब के रास्ता को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए सीओ व संबंधित अधिकारियों को सूचना दी गयी, लेकिन कार्रवाई के नाम पर शून्य की स्थिति है. ऐसे में तालाब के अस्तित्व पर खतरा
बढ़ गया है.
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