उम्मीदों पर फिरा पानी, रणनीति में जुटे व्यवसायी

सासाराम (नगर) : जिले में क्रशर संचालकों की उम्मीदों पर एक बार फिर पानी फिर गया है. खनन आयुक्त के आदेश का हवाला दे क्रशर मशीन चलाने की कोशिश में लगे संचालकों को गहरा झटका लगा, जब हाइकोर्ट के जज नवीन कुमार सिन्हा व प्रभात कुमार झा की दो सदस्यीय पीठ ने दायर लोकहित याचिका […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 1, 2014 5:45 AM

सासाराम (नगर) : जिले में क्रशर संचालकों की उम्मीदों पर एक बार फिर पानी फिर गया है. खनन आयुक्त के आदेश का हवाला दे क्रशर मशीन चलाने की कोशिश में लगे संचालकों को गहरा झटका लगा, जब हाइकोर्ट के जज नवीन कुमार सिन्हा व प्रभात कुमार झा की दो सदस्यीय पीठ ने दायर लोकहित याचिका को निष्पादित करते हुए डीएम व एसपी को अवैध खनन पर पूर्ण रोक लगाने का निर्देश दिया. दो सदस्यीय खंडपीठ के फैसले के बाद क्रशर व्यवसायी अगली रणनीति बनाने में जुट गये हैं.

सबकी निगाहें प्रशासन की ओर

हाइकोर्ट के डबल बेंच के फैसले के बाद क्रशर व्यवसायी पूर्व के सीडब्ल्यूजेसी संख्या 1628/ 2012 में पारित आदेश के आलोक में जमा अग्रधन राशि को वापस कराने की प्रक्रिया को प्रारंभ करेंगे. हालांकि, स्टोन क्रशर उद्योग सोसायटी फैसले पर अभी तक खुल कर कुछ नहीं बोल रही है. लेकिन यह व्यवसाय अब उनके लिए करो या मरो के समान है.

लाखों रुपये लगा कर खड़े किये क्रशर उद्योग को बचाने की हर कोशिश उनके द्वारा की जायेगी. अब सबकी निगाहें प्रशासन की ओर से होने वाली अगली कार्रवाई पर टिकी है. क्योंकि, अवैध खनन रोकने के उद्देश्य से डीएम ने पिछले साल संचालित सभी क्रशर मशीनों की अनुज्ञप्ति रद्द कर प्लांट पर मौजूद पत्थर व मशीन जब्त करने की कार्रवाई की थी. हालांकि, कार्रवाई के बावजूद गोपी बिगहा मौजा में धड़ल्ले से क्रशर मशीन चलते रहे. इससे नारायण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल को पर्यावरण की दृष्टिकोण से खतरा होता था. इसे लेकर हॉस्पिटल के संस्थापक गोपाल नारायण सिंह ने हाइकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी.

क्रशर चलने से सबको परेशानी

प्रशासन को चुनौती देकर गोपी बिगहा व अन्य मंडियों में धड़ल्ले से क्रशर मशीनों के चलने से हर किसी को स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से क्षति थी. तोड़े गये पत्थर से निकले धूल क्रशर मंडी से सटे गांवों के लोगों के लिए हानिकारक साबित हो रहे थे. स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, इस क्षेत्र में रहने वाले 99 प्रतिशत लोगों में दमा, टीवी व अन्य सांस संबंधी शिकायत पाये जाने लगी हैं.

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