उन्नयन की नहीं हो रही पहल

जिले में बाल श्रमिकों की लगातार बढ़ रही संख्या सासाराम कार्यालय : एक मई, अंतरराष्ट्रीय श्रम दिवस. दुनिया भर में संगठित व असंगठित क्षेत्रों में काम करने वाले मजदूरों के लिए यह दिन काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. लेकिन, बदलते दौर में यह दिन सिर्फ अवकाश का दिन बन कर रह गया है. इसका कारण […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 1, 2014 5:46 AM

जिले में बाल श्रमिकों की लगातार बढ़ रही संख्या

सासाराम कार्यालय : एक मई, अंतरराष्ट्रीय श्रम दिवस. दुनिया भर में संगठित व असंगठित क्षेत्रों में काम करने वाले मजदूरों के लिए यह दिन काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. लेकिन, बदलते दौर में यह दिन सिर्फ अवकाश का दिन बन कर रह गया है. इसका कारण है देश-दुनिया में जहां भी पूंजी के पैरोकार अपना पांव पसार रहे हैं, वहां न तो मजदूरों का शोषण रूक रहा है और न उनके जीवन स्तर में कोई बड़ा परिवर्तन आ रहा है.

मजदूर आज भी मुफलिसी का जीवन जी रहे हैं. उधर, सभी देशों की सरकारें चाहे जितने भी दावे कर ले, लेकिन बाल श्रमिकों के की संख्या में लगातार बढ़ोतरी ही हुई है. ऐसे में सवाल उठता है कि जब बाल श्रम पर सरकार या स्थानीय प्रशासन रोक लगाने में असफल रही है, तो फिर बच्चों के लिए बने शिक्षा के अधिकार कानून का क्या हश्र होगा?

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