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सीएम के स्वागत में सजने लगा सुसाढ़ी गांव

कार्यक्रम. लीलावती की झोंपड़ी हुई रोशन, आंगन में पहुंचा नल का पानी बिक्रमगंज/सासाराम : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आने की सूचना भर से महादलित लीलावती की झोंपड़ी रोशन हो उठी. वह तो हक्का-बक्का रह गयी, जब अचानक उसकी झोंपड़ी में बिजली का मीटर लेकर कर्मचारी पहुंच गये. अभी मीटर लगाया ही जा रहा था कि […]

कार्यक्रम. लीलावती की झोंपड़ी हुई रोशन, आंगन में पहुंचा नल का पानी

बिक्रमगंज/सासाराम : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आने की सूचना भर से महादलित लीलावती की झोंपड़ी रोशन हो उठी. वह तो हक्का-बक्का रह गयी, जब अचानक उसकी झोंपड़ी में बिजली का मीटर लेकर कर्मचारी पहुंच गये. अभी मीटर लगाया ही जा रहा था कि नल लगाने वाले दरवाजे पर दस्तक दे दिये. घर बिजली की रोशनी से जगमगा उठा तो आंगन में चापाकल के समीप नल से पानी गिरने लगा. लीलावती इस लीला को तब समझी जब लगानेवालों ने बताया कि गांव में मुख्यमंत्री आनेवाले हैं. जिले के संझौली प्रखंड की अमेठी पंचायत के सुसाढ़ी गांव की लीलावती ही नहीं, उसके जैसे कई गरीब अचंभित हैं.
सभी सोच में डूबे रहे कि ऐसा क्या हुआ कि मंगलवार से गांव में अधिकारियों का हुजूम टूट पड़ा है. वर्षों से कीचड़ से अपना अस्तित्व खो चुकी नालियां साफ व चकाचक दिखायी देने लगीं. सड़क पर सफाई कर्मी झाड़ू लगा रहे हैं. जिस कूड़े के ढेर पर बच्चे खेलते थे, उसे हटाया जा रहा है. हर तरफ गहमागहमी. फिर सभी को धीर-धीरे पता चला कि अपने गांव में मुख्यमंत्री आनेवाले हैं,
वह भी दो दिनों में. इसके बाद गांववाले मुखर होने लगे. उनका वर्षों से दबा मन खुलने लगा और सरकारी महकमे के कार्यों की पोल भी खोलने लगे. किसी ने टूटे नल को दिखाया, तो किसी ने आधे गांव में ही पानी की सप्लाई होने की बात कही. जल्दबाजी में लगे घर के दरवाजे के पास गिरे बिजली के मीटर को लेकर करेंट लगने की आशंका जतायी तो किसी ने कहा कि कम से कम एक माह में एक बार भी सफाई हो तो आज दूसरे प्रखंड से कर्मी बुलाकर दिन-रात सफाई कराने की नौबत नहीं आती. बहरहाल जो भी है ठीक है. कम से कम मुख्यमंत्री के आगमन से गांव एक बार चमक तो गया. कुछ दिनों तक सफाई की चमक बनी रहेगी.
सीएम के स्वागत में दुल्हन की तरह सज रही सुसाढ़ी
सीएम के कार्यक्रम स्थल में परिवर्तन होते ही संझौली प्रखंड के सुसाढ़ी गांव की किस्मत बदल गयी. जिला प्रशासन गांव को दुल्हन की तरह सजाने में लग गया है, चाहे वह गली हो या नाली. गांव के चप्पे-चप्पे की सफाई होने लगी है. साथ ही मुख्यमंत्री के सात निश्चय योजना के तहत बिजली, पानी, नल का जल आदि विकास कार्यों को युद्ध स्तर पर लोगों के घरों तक पहुंचाया जाने लगा है. प्रत्येक घर में बिजली व नल का जल के लिए पाइप लाइन की व्यवस्था होने लगी है. यह विकास कार्य अचानक देख गांव के लोग हैरत में हैं. गांव के बिंदेश्वरी राम ने कहा कि सीएम के आने पर यह सब हो रहा है, नहीं तो हम गरीबों की ओर कौन देखता? यह तो भला हो मुख्यमंत्री का कि वे हमारे गांव आनेवाले हैं.
लीलावती के घर नहीं पहुंची उज्ज्वला योजना
लीलावती देवी के पति लालमुनि राम रोजी-रोटी के लिए गांव में ही मजदूरी करते हैं. वह इंदिरा आवास के लिए आवेदन दिये थे, लेकिन इंदिरा आवास नहीं मिला. हां, घर में शौचालय जरूर बन गया. राशन मिल रहा है, जिसे वह आज भी लकड़ी के चूल्हे पर पकाती है. कारण कि उज्ज्वला योजना से उसे रसोई गैस का कनेक्शन नहीं मिला है.
आधा गांव नल का जल, आधा में चापाकल भी नहीं
सात निश्चय योजना के तहत गांव के हरेक घर में बिजली, पानी, नल का जल सहित कई विकास कार्य को तत्काल पूरा किया जा रहा है. पानी की व्यवस्था प्रत्येक घर में पहुंचाने के लिए जिला प्रशासन ने पाइप लाइन बिछायी है. लेकिन, जब प्रभात खबर के टीम ने पाइप लाइन का जायजा लिया तो आधा गांव में ही पाइप में पानी देखने का मिला और आधा गांव में चापाकल का पानी भी नसीब नहीं है. दर्जनों ग्रामीणों ने बताया कि जब सीएम का आगमन होनेवाला होता है तो अधिकारियों की ऐसी ही स्थिति होती है. जहां-जहां सीएम का कार्यक्रम है, जिस घर का निरीक्षण करेंगे उसी घर में पानी उपलब्ध कराया गया है. सीएम गांव में मुख्य चौक पर चौपाल करेंगे. इस चौक के आसपास के घरों में पानी की भरपूर उपलब्धता होगी और दूसरे छोर पर बने घरों में कोई व्यवस्था नहीं है.

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