रोहतास(काराकाट) : बिहार के रोहतास में अज्ञात वाहन से धक्का लगने के बाद जख्मी बालक को चालक द्वारा उठा कर दूसरे गांव ले जाकर फेंकने का मामला प्रकाश में आया है. बिक्रमगंज-डेहरी मुख्य पथ पर बिरैनी गांव के पास बिरैनी के ही मनोज सिंह के 13 वर्षीय बेटे आयुष कुमार उर्फ नारायण के घायल होने की सूचना पर आक्रोशित ग्रामीणों ने सड़क जाम कर दी. लोगों का आरोप था कि पुलिस गश्ती की जीप बच्चे को धक्का मारने के बाद उठा ले गयी है. पुलिस पदाधिकारियों ने मौके पर पहुंच कर बच्चे के मेदनीपुर गांव के पास जख्मी हालत में मिलने के बाद उसे पीएचसी में भर्ती कराने की सूचना दी, जिस पर लोग शांत हुए.
जख्मी बच्चे को प्राथमिक उपचार के बाद डेहरी ऑन सोन रेफर किया गया है और अब उसकी हालत खतरे से बाहर बतायी जाती है. यह हादसा रविवार सुबह करीब साढ़े पांच बजे की है. घटना के बाद ग्रामीणों के सड़क जाम करने से आने-जाने वाले वाहन जाम में फंस गये. ग्रामीण पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारे लगा रहे थे. घटना की सूचना मिलने पर करीब पौने 10 बजे काराकाट के पूर्व विधायक राजेश्वर राज, भाजपा प्रखंड अध्यक्ष सुनील सिंह, वीरेंद्र तिवारी, राजेश्वर सिंह, राजद के भरत भूषण, शिव कुमार शर्मा व अन्य लोग भी मौके पर पहुंच गये.
पूर्व विधायक ने पुलिस के वरीय अधिकारी से फोन पर बात कर घायल छात्र की जानकारी ली, तो बताया गया कि घायल छात्र नासरीगंज पीएचसी में भर्ती है और खतरे से बाहर है. इस बीच बिक्रमगंज अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी नीरज कुमार, भूमि उप समाहर्ता शशि शेखर भी मौके पर पहुंच गये और ग्रामीणों को समझा-बुझा कर शांत करवाया. ग्रामीणों ने डीएसपी नीरज कुमार को घटनास्थल पर मिले गाड़ी के टूटे हिस्से को सौंपे कर जांच कराने की मांग की. काराकाट थाने की गाड़ी से टूटे हिस्से का मिलान किया गया, तो वह पुलिस की गाड़ी का हिस्सा नहीं पाया गया.
सुबह पेट्रोलिंग में नहीं गयी थी पुलिस
इस संबंध में थाना प्रभारी राजेंद्र कुमार ने बताया कि थाने की सूमो गाड़ी सुबह में पेट्रोलिंग में गयी ही नहीं थी. ग्रामीणों का आरोप बेबुनियाद है. जब पुलिस की गाड़ी से घटना होती, तो हमें बताने में क्या हर्ज. पुलिस घायल का पीएचसी में इलाज कराती, न कि उसे फेंक देती.
पूर्व जिला पार्षद ने जख्मी बच्चे को पहुंचाया था अस्पताल
जख्मी बालक आयुष को मेदनीपुर के पास फेंकने की जानकारी जब पूर्व जिला पार्षद अनिल सिंह को मिली, तो वह तुरंत मौके पर पहुंच गये. उन्होंने ग्रामीणों की मदद से जख्मी बालक को नासरीगंज पीएचसी में भर्ती कराया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उसे डेहरी ऑन सोन रेफर कर दिया गया.