तीन तलाक को खत्म करने के विरोध में मुस्लिम महिलाएं

एसडीएम को ज्ञापन सौंप कर राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री से बिल वापस लेने की मांग डेहरी कार्यालय : तीन तलाक को खत्म करने के लिए संसद द्वारा पारित बिल के विरोध में सोमवार को शहर व आसपास के इलाकों से आयी मुस्लिम महिलाओं ने सड़क पर उतर कर प्रदर्शन किया. बाबूगंज स्थित इलियास हुसैन स्कूल में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 6, 2018 4:13 AM

एसडीएम को ज्ञापन सौंप कर राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री से बिल वापस लेने की मांग

डेहरी कार्यालय : तीन तलाक को खत्म करने के लिए संसद द्वारा पारित बिल के विरोध में सोमवार को शहर व आसपास के इलाकों से आयी मुस्लिम महिलाओं ने सड़क पर उतर कर प्रदर्शन किया. बाबूगंज स्थित इलियास हुसैन स्कूल में सैकड़ों की संख्या में इकट्ठा होकर मुस्लिम महिलाओं ने कहा कि हमारी मजहबी आजादी को केंद्र की सरकार द्वारा छीनने का प्रयास किया जा रहा है, जिसका हम विरोध करते हैं. उन्होंने कहा कि हम सभी महिला मुस्लिम पर्सनल ला में किसी भी प्रकार की सरकारी हस्तक्षेप को बर्दाश्त नहीं करेंगे. जब हमें अपने मजहब में बनाये गये कोई नियम कानून से किसी भी प्रकार का एतराज नहीं है,
तो इस पर सरकार क्यों हम सबों को जबरन किसी नये कानून के दायरे में थोपना चाह रही है. स्कूल में जुटी महिलाओं के हाथों में नारे लिखी तख्तियां थी. स्कूल से जुलूस की शक्ल में शहर के मुख्य बाजार होते हुए अनुमंडल कार्यालय में जाकर एसडीएम को ज्ञापन सौंपने का कार्यक्रम था. लेकिन शहर में एक युवक की हत्या के बाद थाना चौक पर शव को रखकर सड़क जाम किये जाने के कारण महिलाएं स्कूल परिसर में ही नारेबाजी करती रहीं. महिलाओं के आग्रह पर वहां पहुंच कर अनुमंडल पदाधिकारी पंकज पटेल ने राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री को संबोधित उनके ज्ञापन को उनसे लेकर संबंधित जगहों पर पहुंचाने का आश्वासन दिया.
मंजूर नहीं है बिल : प्रधानमंत्री के नाम लिखे ज्ञापन में केंद्र सरकार द्वारा पारित तीन तलाक बिल को वापस लेने का आग्रह किया गया है. ज्ञापन में कहा गया है कि हम मुस्लिम ख्वातीन हुकुमते ए हिंद द्वारा लोकसभा से पारित तीन तलाक बिल का विरोध करती हैं. यह बिल हमें किसी भी हाल में मंजूर नहीं है और हम मुस्लिम इसे वापस लेने का हुकूमत से मोतालबा करती हैं. इस बिल के मार्फत मुस्लिम औरतों के हिफाजत के नाम पर उनका इस्तेहसाल व गैर महफूज किया गया है. यह बिल मुस्लिम पर्सनल ला में सीधा हस्तक्षेप और दस्तूरे हिंद में दिए गए मजहबी आजादी को छीनने वाली है, जो लोकतांत्रिक देश के लिए सही कदम नहीं है. हम मुस्लिम महिलाएं शरीयते इस्लाम के पाबंद हैं और मजहबे इस्लाम में औरतों को जो इज्जत व मुकाम दिया है उससे हम राजी वो खुश है.लिहाजा केंद्र सरकार तीन तलाक बिल को वापस ले.
महिलाएं बोलीं
केंद्र सरकार द्वारा पारित तीन तलाक बिल को वापस लेना होगा. इस बिल में मुस्लिम औरतों के हिफाजत के नाम पर गैर महफूज किया गया है.
साइना परवीन, बारह पत्थर
मुस्लिम पर्सनल लॉ में सरकार की दखलंदाजी हम बर्दास्त नहीं करेंगे. हम शरीयत ए इस्लाम के पाबंद हैं. यह कानून हमें मंजूर नहीं है.
फरजान परवीन, निलकोठी
तीन तलाक बिल पारित होने से हमें अपनी निजी जिंदगी में, कुरान में, मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड में हस्तक्षेप होता दिख रहा है. यह मंजूर नहीं.
फरहत राणा, बाबूगंज
चंद मुस्लिम औरतें लालच में पड़ कर सरकार के एजेंट बन कर मीडिया में गलत तर्जुमानी कर रही हैं. तीन तलाक बिल का विरोध करते हैं.
नगमा साहिल, बारह पत्थर

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