सासाराम : राज्य में शराबबंदी के तरीकों पर पुनर्विचार की आवश्यकता है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अच्छी नीयत से शराबबंदी लागू की है. इससे समाज को लाभ भी हुआ है. लेकिन, इसके क्रियान्वयन में लोच के कारण माफिया और अधिकारी मालामाल हो रहे हैं. यह बात शहर के एक शादी समारोह में शिरकत करने आये भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सदस्य सह एसआईएस सिक्यूरिटी सर्विस के संस्थापक सांसद आरके सिन्हा ने सोमवार को सर्किट हाउस में कहीं.
उन्होंने कहा कि शराबबंदी के तरीके में सुधार की जरूरत है. शराबबंदी का असर राज्य के पर्यटन व होटल के धंधों पर पड़ा है. बड़ी कंपनियों के सेमिनार व पार्टियां अब बिहार में नहीं होती. बगल के राज्य झारखंड में होने लगी हैं. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि शराब बंदी के मुद्दे पर मेरा काम सुझाव देना है. क्रियान्वयन तो सरकार को ही करना है.
सांसद ने कहा कि राज्य में विधि व्यवस्था में और सुधार की जरूरत है. जगह-जगह सड़क जाम की समस्या उत्पन्न होने लगी है. पुलों के निर्माण के साथ लिंक रोड व बेहतर ट्रैफिक संचालन की भी जरूरत है. आज प्राय: शहरों में जाम एक बड़ी समस्या का रूप ले चुका है. लोग परेशान हैं. वैसे शहरों के लिए रिंग रोड व बाइपास की जरूरत है. उन्होंने कहा कि हमारे यहां बेहतर जल मार्ग को तैयार किया जा सकता है. डेहरी से गंगा-सोन नदी के मिलन तक जल मार्ग तैयार होने से एक सस्ता व सुगम परिवहन व्यवस्था खड़ी हो जायेगी.