सासाराम (ग्रामीण) : जिले के सोन नहरों के तटबंध क्षतिग्रस्त हो जाने व मरम्मत नहीं किये जाने से जिले की अधिकतर सोन नहरें दम तोड़ने लगी हैं. अधिकारियों की मानें, तो क्षमता के अनुरूप सोन नहरों में जल स्नव नहीं किया जाता है. चूंकि पूर्व के क्षमतानुसार पानी छोड़ने पर नहरों के टूटने की संभावनाएं प्रबल होती हैं. ऐसी परिस्थिति में टेल एंड तक पानी पहुंचा पाना विभाग के लिए हर बार चुनौती भरा कार्य हो जाता है. इससे नहरों पर आधारित खेती काफी हद तक प्रभावित हो जाती है.
साथ ही, पानी के लिए किसानों में कोहराम मच जाता है. यह दीगर बात है कि सिंचाई विभाग, जो जल नहरों में छोड़ता है, उससे कार्य हो जाता है. स्थिति स्पष्ट है कि इस बार नहरों के भरोसे रोहतास में खेती कर पाना मुश्किल साबित हो सकता है.
क्षतिग्रस्त हैं कई नहरें
पश्चिमी संयोजक, पूर्वी संयोजक, चौसा शाखा, बक्सर शाखा, आरा मुख्य नहर गारा चौबे, डुमरांव शाखा सहित अन्य नहरों के तटबंध का कटाव तेजी से हो रहा है, लेकिन इसकी मरम्मत नहीं किये जा रहे हैं. कटाव का खतरा प्रबल हो गया है. यही नहीं प्रतिवर्ष कई नहरें टूट जाती हैं. इससे सैकड़ों एकड़ फसल जलमगA हो जाती हैं.