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हर घर नल का जल योजना में हो रही अनियमितता

घटिया क्वालिटी के बिछाये जा रहे जलापूर्ति के पाइप जैसे-तैसे पूरा किया जा रहा काम दावथ : मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना के तहत चल रहे हर घर नल का जल योजना में अनियमितता बरतने का मामला प्रकाश में आया है. सहिनाव पंचायत के चतरा, चौराटी, सहिनाव आदि कई वार्डों में काम चल रहा है. घरों […]

घटिया क्वालिटी के बिछाये जा रहे जलापूर्ति के पाइप

जैसे-तैसे पूरा किया जा रहा काम
दावथ : मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना के तहत चल रहे हर घर नल का जल योजना में अनियमितता बरतने का मामला प्रकाश में आया है. सहिनाव पंचायत के चतरा, चौराटी, सहिनाव आदि कई वार्डों में काम चल रहा है. घरों में जलापूर्ति के लिए जो पाइप बिछाये जा रहे हैं, वह घटिया क्वालिटी के हैं. प्रावधान के अनुसार आईएसआई मार्का का पाइप होना चाहिए, परंतु लोकल पाइप डाले जा रहे हैं. मात्र 10 इंच से एक फुट गढ्ढा काट कर ही पाइप डाले जा रहे हैं. प्राक्कलन में किये प्रावधान के अनुसार तीन फुट गड्ढा काट कर पाइप बिछाना है. जलापूर्ति के लिए जो बोरिंग जमीन में गलाना है, वह भी मानक के अनुरूप नहीं किया जा रहा है. 120 फुट से अधिकतम 180 फुट गलाने की बात ग्रामीणों द्वारा बताया जा रहा है. पूरे प्रखंड में नल-जल योजना का कार्य शुरू है.
पिछले दो माह पहले सेमरी के कुछ वार्डों में कार्य पूर्ण कर लिया गया है. शुरुआत में कुछ हद तक प्राक्कलन के अनुसार एजेंसी द्वारा कार्य कराने की बात भी ग्रामीण स्वीकारते हैं. परंतु, एक ही एजेंसी ने सभी पंचायतों में कार्य करना शुरू किया व जैसे-तैसे काम करने लगी. वार्ड सदस्य व सचिव एक निश्चित राशि लेकर एजेंसी को भुगतान कर देते हैं. अधिकारियों व एजेंसी से वार्ड सदस्य व सचिव डरते भी हैं कि कहीं दोबारा वार्ड सभा करा कर सचिव बदल न दें. अथवा उक्त वार्ड के सात निश्चय में चयन ही न करें. ग्रामीणों को मुखिया से कई प्रकार के काम हैं. लिहाजा कड़ा प्रतिरोध नहीं कर पाते हैं. इसी का फायदा मुखिया, पंचायत सचिव व एजेंसी उठा रहे हैं. सहिनाव, उसरी, बभनौल व दावथ के पंचायत सचिव को अपने हिस्से की राशि से मतलब रहता है. कभी भी कार्य स्थल पर नहीं जाते हैं और न ही मुख्यालय में रहते हैं. प्रखंड के अधिकतर पंचायतों में यही स्थिति है.
ग्रामीण परशुराम सिंह, बीडीसी विंध्याचल यादव, राजेश कुमार, वार्ड सदस्य पारस तिवारी, कुंज नारायण दुबे आदि ने बताया कि नल-जल योजना में भारी लूट मची है. सरकार के लाखों रुपये का बंदरबांट किया जा रहा है. पूरे प्रखंड में एक ही एजेंसी से काम कराया जा रहा है. एजेंसी के चयन की प्रक्रिया भी नहीं अपनाया गया है.
एक वार्ड सचिव ने कहा कि 50 प्रतिशत राशि कमीशन में चला जा रहा है. ऐसे में काम में गुणवत्ता कैसी होगी. पंचायत सचिव रंजीत प्रसाद सिन्हा ने काल रिसिव नहीं किया, जबकि बीडीओ रितेश कुमार सिंह ने कहा कि शिकायत मिलने पर जांच किया जायेगा.

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