राज्य में 222 जेई की होगी बहाली : मंत्री

सासाराम कार्यालय : राज्य के नगर निकायों में चल रहे विकास कार्यों को और गति देने के लिए 222 कनीय अभियंता (जेई) की बहाली की जायेगी. इसके साथ ही नगर निगम, नगर पर्षद व नगर पंचायतों में पदों का सृजन कर प्रतिनियुक्ति व सीधी भर्ती से पदों को भरने की तैयारी चल रही है. ये […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 24, 2018 5:47 AM

सासाराम कार्यालय : राज्य के नगर निकायों में चल रहे विकास कार्यों को और गति देने के लिए 222 कनीय अभियंता (जेई) की बहाली की जायेगी. इसके साथ ही नगर निगम, नगर पर्षद व नगर पंचायतों में पदों का सृजन कर प्रतिनियुक्ति व सीधी भर्ती से पदों को भरने की तैयारी चल रही है. ये बातें सर्किट हाउस में प्रेसवार्ता के दौरान नगर विकास व आवास मंत्री सुरेश कुमार शर्मा ने कहीं. वह नगर भवन, आश्रय स्थली का उद्घाटन करने के लिए बुधवार को सासाराम आये थे. उन्होंने कहा कि नगर विकास व आवास विभाग ने राज्य में कुछ

राज्य में 222 जेई…
बड़े कार्य करने के लिए योजना बनायी है. विकास कार्य को गुणवत्ता और समय के साथ पूरा करने के लिए कई संगठनों व संस्थाओं को एक में मिला कर टेक्निकल सेल का गठन किया गया है, जो बड़ी योजनाओं को पूरा करेगा. कमिश्नरी स्तर पर प्रयोगशाला की स्थापना करने, आबादी के अनुसार प्रत्येक नगर पर्षद व नगर पंचायत में जेई की भर्ती की तैयारी भी चल रही है. उन्होंने कहा कि नगर निकायों में सबसे बड़ी समस्या बिजली की खपत की है, जिस पर कई नगर निकाय अपने आय से अधिक रकम खर्च कर रहे हैं. इस समस्या को दूर करने के लिए एनर्जी इफिसिएंशी सर्विसेज लिमिटेड से प्रत्येक निकाय अनुबंध कर रहे हैं. अगले अप्रैल तक सभी नगर निकायों में एलईडी बल्ब लगाने का कार्य पूरा हो जायेगा. इससे 51 प्रतिशत बिजली की खपत कम हो जायेगी.
उन्होंने कहा कि कचरा प्रबंधन के क्षेत्र में यूएसए की कंपनी से करार होने जा रहा है. पहले चरण में पांच सौ टन से अधिक कचरा निकलनेवाले सयंत्र को शहर में लगाया जायेगा, जो बिजली का उत्पादन करेगा व उस बिजली को राज्य सरकार खरीदेगी. इसके बाद दूसरे चरण में नगर पर्षद व नगर पंचायत को मिले कर एक सयंत्र की स्थापना किये जाने की भी योजना है. उन्होंने कहा कि प्रत्येक शहर में लोगों को सुविधा देने के लिए नगर विकास व आवास मंत्रालय प्रतिबद्ध है. इसका परिणाम कुछ दिनों बाद और अधिक दिखने लगेगा. मंत्री ने पॉलीथिन के उपयोग पर चिंता जताते हुए कहा कि पतले पॉलीथिन का उपयोग कुछ ही कम हुआ है, लेकिन पूर्ण रूप से रोक लगाने के लिए और भी कुछ करना होगा. वेंडर जोन के लिए भी काम चल रहा है.
कम खर्च में अधिक रोशनी के लिए नगर पंचायत स्तर पर एनर्जी इफिसिएंशी सर्विसेज लिमिटेड से हो रहा करार

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