सासाराम : एक साल में हो चुकी है पांच बंदियों की मौत
सासाराम नगर : जेल में कुव्यवस्था का आलम है. बंदियों को जानवरों की तरह रखा जाता है. बीमार पड़ने पर अस्पताल प्रशासन उसकी सुधी नहीं लेता. गंभीर स्थिति होने पर उसे सदर अस्पताल लाया जाता है, जहां बंदियों की मौत हो जाती है. एक वर्ष के आंकड़ों पर नजर डालें तो इस आरोप की पुष्टि […]
सासाराम नगर : जेल में कुव्यवस्था का आलम है. बंदियों को जानवरों की तरह रखा जाता है. बीमार पड़ने पर अस्पताल प्रशासन उसकी सुधी नहीं लेता. गंभीर स्थिति होने पर उसे सदर अस्पताल लाया जाता है, जहां बंदियों की मौत हो जाती है. एक वर्ष के आंकड़ों पर नजर डालें तो इस आरोप की पुष्टि हो जाती है.
15 जून 2017 को संझौली थाना क्षेत्र के उदयपुर गांव निवासी विचाराधीन कैदी सत्येंद्र चौधरी 55 वर्ष की इलाज के दौरान मौत हो गयी थी.
29 जून 2017 को तिलौथू थाना क्षेत्र के महाराजगंज निवासी विचाराधीन बंदी सुनील कुमार गिरि 28 वर्ष की इलाज के दौरान सदर अस्पताल में मौत. इस मामले में मृतक बंदी के परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर मारपीट कर हत्या करने का आरोप लगाया था. मृतक के शरीर पर जख्म के निशान भी पाये गये थे.
22 जुलाई 2017 को कुदरा (कैमूर) थाना क्षेत्र के जगदीशपुर गांव निवासी विचाराधीन बंदी ब्रह्मा बिंद 40 वर्ष की इलाज के दौरान मौत.
26 फरवरी 2018 को जिले करगहर बाजार निवासी सजायाफ्ता कैदी श्रीराम पांडेय 55 वर्ष की पटना पीएमसीएच में इलाज के दौरान मौत.