सासाराम कार्यालय : किसी भी शहर में व्यवस्था को सुचारु ढंग से चलाने की जितनी जिम्मेवारी प्रशासन पर होती है उतनी ही चिंता वहां के जनप्रतिनिधियों को भी होनी चाहिए. फिर चाहे संसद सदस्य हों, विधानसभा के सदस्य हों या फिर नगर निकाय के पार्षद.
जनता की समस्याओं के निराकरण के लिए ही तो प्रतिनिधियों के चुनाव की व्यवस्था की गयी है. इस बिंदु पर भी सासाराम के निवासियों को कोई ऐसा प्रतिनिधि नहीं मिल सका जो पेयजल की समस्या को दूर करने के लिए प्रशासनिक महकमे या पीएचइडी पर दबाव बना सके.