सासाराम : फर्जी प्रमाणपत्रों पर नौकरी कर रहे तीन कृषि समन्वयकों पर केस

जिला कृषि पदाधिकारी ने मॉडल थाने में दर्ज कराया मामला जोधपुर राष्ट्रीय विद्यालय व सीएमजे विश्वविद्यालय असम का प्रमाणपत्र निकला फर्जी सासाराम कार्यालय : शिक्षा विभाग के बाद कृषि विभाग में भी फर्जी प्रमाण पत्र पर बहाली का खुलासा हुआ है. जनवरी में कृषि समन्वयक के पद पर बहाल तीन समन्वयकों का प्रमाणपत्र फर्जी पाया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 10, 2018 12:55 AM
जिला कृषि पदाधिकारी ने मॉडल थाने में दर्ज कराया मामला
जोधपुर राष्ट्रीय विद्यालय व सीएमजे विश्वविद्यालय असम का प्रमाणपत्र निकला फर्जी
सासाराम कार्यालय : शिक्षा विभाग के बाद कृषि विभाग में भी फर्जी प्रमाण पत्र पर बहाली का खुलासा हुआ है. जनवरी में कृषि समन्वयक के पद पर बहाल तीन समन्वयकों का प्रमाणपत्र फर्जी पाया गया है.
प्रमाण पत्र फर्जी पाये जाने पर जिला कृषि पदाधिकारी ने तीनों कृषि समन्वयकों के विरुद्ध मॉडल थाना सासाराम में प्राथमिकी दर्ज करायी है.
दर्ज प्राथमिकी के अनुसार सिकंदर कुमार, पिता जमुना चेरो, ग्राम सतियाड़, पोस्ट दारानगर, नौहट्टा का जोधपुर राष्ट्रीय विद्यालय जोधपुर का प्रमाणपत्र फर्जी निकला है. इसके साथ ही अभिषेक कुमार, पिता अशोक कुमार गुप्ता, ग्राम बराढ़ीगोल, थाना अकोढ़ीगोला, व रितेश कुमार, पिता हीरा प्रसाद, ग्राम चंदनपुरा, तिलौथू का सीएमजे विश्वविद्यालय असाम का प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया है. जोधपुर राष्ट्रीय विद्यालय, जोधपुर ने 28 मई 2018 को तथा सीएमजे विश्वविद्यालय आसाम ने 12 जून 2018 को प्रमाण पत्रों के फर्जी होने की जानकारी शिक्षा विभाग को दी. इसके बाद विभाग ने कार्रवाई करते हुए तीनों को नौकरी से हटाते हुए प्राथमिकी दर्ज करायी है.
जिला कृषि पदाधिकारी राधा रमण ने बताया कि मॉडल थाना में तीनों समन्वयकों के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज करा दी गयी है. मॉडल थाना ने 990/18 कांड संख्या के तहत प्राथमिकी दर्ज कर ली है. इसके साथ ही विभागीय कार्रवाई भी शुरू कर दी गयी है.
गौरतलब है 11 जनवरी 2018 को जिले के कृषि समन्वयकों को नियुक्ति पत्र वितरित हुआ था. उसी दिन से 15 जनवरी 2018 तिक कृषि समन्वयकों ने पद पर योगदान किया था. योगदान के बाद समन्वयकों का जांच के लिए विभिन्न शिक्षण संस्थानों में प्रमाण पत्रों को भेजा गया था. जिसमें से अभी तीन प्रमाण पत्रों के फर्जी होने की जानकारी मिली है. कुछ और प्रमाण पत्र फर्जी होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता.

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