ट्रेन की चपेट में आने से गयी थी दो सगी बहनों की जान

सासाराम पूर्वी रेल गुमटी के पास कोचिंग से लौटने के दौरान चली गयी थी जान सासाराम नगर : सासाराम स्टेशन के पूर्वी रेल गुमटी के समीप 19 नवंबर 2016 को मालगाड़ी की चपेट में आने से दो सगी बहनों की मौत हो गयी थी. शहर के न्यू एरिया निवासी रामप्रवेश सिंह की बेटी नेहा (20) […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 3, 2018 4:47 AM

सासाराम पूर्वी रेल गुमटी के पास कोचिंग से लौटने के दौरान चली गयी थी जान

सासाराम नगर : सासाराम स्टेशन के पूर्वी रेल गुमटी के समीप 19 नवंबर 2016 को मालगाड़ी की चपेट में आने से दो सगी बहनों की मौत हो गयी थी. शहर के न्यू एरिया निवासी रामप्रवेश सिंह की बेटी नेहा (20) व ज्योति (18) अपनी सहेली पूजा के साथ कोचिंग के लिए गौरक्षणी जा रही थीं. इसी दौरान धनपुरवा गुमटी के समीप अप लाईन पर मालगाड़ी के चपेट में आने से दोनों बहनों की घटनास्थल पर ही मौत हो गयी थी. सहेली पूजा बुरी तरह जख्मी हो गयी थी. काफी समय तक ईलाज के बाद पूजा की जान बची थी.
बरेला निवासी चांदनी व अंजली के साथ नासमझी में हुई घटना : गुरुवार की सुबह शिवसागर स्टेशन पर हुई घटना ने पुरानी घटना की याद ताजा कर दी है. बरेला गांव निवासी वकील महतो व उनके दोनों बेटे मुंबई में निजी कंपनी में नौकरी करते हैं. गांव में दिव्यांग पत्नी अपनी तीनों बेटियों की साथ रहती है. गुरुवार की सुबह दोनों बहन चांदनी व अंजली शहर में मदार सलानी पीर की मजार पर दर्शन के लिए आयी थीं. दर्शन के बाद स्टेशन पहुंची. उस समय प्लेटफाॅर्म नंबर दो पर पटना-भभुआ इंटरसिटी खड़ी थी. दोनों बहन समझी की पैसेंजर ट्रेन है और उस पर सवार हो गयी. ट्रेन जब शिवसागर पहुंची और उसी तेजी से से आगे बढ़ती रही
, तो डर से दोनों बहने चलती ट्रेन से कूद गयीं. जिसमें बड़ी बहन चांदनी ट्रेन के नीचे आ गयी. जिससे मौके पर ही उसकी मौत हो गयी. ग्रामीण पटरी से क्षत-विक्षत शव उठा बिना रेल पुलिस को सूचना दिये गांव ले आये. घायल को इलाज के लिए शहर के निजी क्लिनिक ले आये. जहां उसकी स्थिति बेहद गंभीर बतायी जाती है. घटना की सूचना उसके पिता को ग्रामीणों ने दी है. पिता व भाई को पहुंचने में दो दिन लगेंगे. मृतक की मां के सलाह पर चांदनी के शव का दाह संस्कार कर दिया गया. इस मामले में रेल थानाध्यक्ष ज्योति प्रकाश ने कहा कि घटना की सूचना पर अधिकारी को भेजा गया, लेकिन परिजन घायल व शव दोनों को उठा कर चले गये थे. पहचान नहीं होने से टीम वापस लौट गयी. हादसे होते रहते हैं इसकी सूचना रेल पुलिस को देनी चाहिए. इस तरह के मामले में रेल पुलिस सहयोग करती है कार्रवाई नहीं.

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