गली-मुहल्लों में कहीं चुपके से न आ जाये ”मौत”

भभुआ सदर : अब इसमें कोई शक नहीं है कि शहर में पहले की तुलना में बिजली की आपूर्ति में काफी सुधार हुआ है. पहले 24 घंटे में से बमुश्किल छह घंटे ही बिजली मिलती थी. अब तो शायद ही उतने समय के लिए कभी कटती भी हो. लेकिन, बिजली तो सुधर गयी पर बिल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 3, 2018 4:49 AM

भभुआ सदर : अब इसमें कोई शक नहीं है कि शहर में पहले की तुलना में बिजली की आपूर्ति में काफी सुधार हुआ है. पहले 24 घंटे में से बमुश्किल छह घंटे ही बिजली मिलती थी. अब तो शायद ही उतने समय के लिए कभी कटती भी हो. लेकिन, बिजली तो सुधर गयी पर बिल विपत्र की गड़बड़ी से उपभोक्ता अब भी परेशान हैं. कुछ ऐसी ही कुव्यवस्था शहर के गली-मुहल्ले में भी है, जहां झूलते और अस्त-व्यस्त पड़े बिजली के नंगे तारों के चलते चुपके से मौत आने की है. अब भी बिजली की जिम्मा संभालने वाली साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड द्वारा शहर के लुंजपुंज पड़े बिजली के तारों को व्यापक तौर पर सुधारा नहीं जा सका है.

सबसे खराब स्थिति शहर की गलियों में झूलते तारों की है, जो मौत के सौदागर बने हुए हैं. शहर के आंबेडकर नगर, दक्षिण मुहल्ला, पुराना चौक, गवई मुहल्ला आदि अनगिनत ऐसे मुहल्ले हैं, जहां सिर से दो फुट ऊपर उठे नहीं की मौत सिर पर नाचने का भय बना रहता है और जहां की गलियों से गुजरते लोग भगवान का नाम लेकर आगे कदम रखते हैं.

राम अवधेश चौधरी, गिरिजा शंकर पाठक, रामानंद आदि का कहना कि जब भी उन्हें गलियों से गुजरना होता है. एक नजर सड़क पर दूसरी तारों पर रहती है. सावित्री देवी, सुभाष जी आदि बताते हैं कि बिजली बिल में सुधार को लेकर कई मर्तबा वे कार्यालय के चक्कर लगा चुके. परंतु, अब तक उनके बढ़े बिल का निदान नहीं हो सका. बल्कि, इस दौरान कई अधिकारियों का तबादला भी हो गया है. नये अधिकारी पुराना मामला बता कर अपना पल्ला झाड़ देते हैं.

दो साल से लग रहा एबी केबल : शहर में बिजली के नंगे तार से निजात दिलाने को लेकर पिछले दो साल से भी अधिक समय से एयर बंच केबल लगाने का काम जारी है, जो अभी तक पूरा पूरा नहीं हो सका है. इस मामले को लेकर कार्य में लगे एक ठेकेदार ने बताया कि एबी केबल के लिए पहले लगे दो पोल के मध्य अन्य खंभे भी देने पड़ते हैं. इससे तारों का टेंशन बना रहे. परंतु, सबसे अधिक अड़चन संकीर्ण मुहल्ले में विद्युत पोल दिये जाने को लेकर हो रही है. कोई भी उपभोक्ता अपने मकान के आगे पोल लगने नहीं देना चाहता. इससे काम करने में उन्हें मशक्कत करनी पड़ रही है. इधर, अधिकारी ने बताया कि एबी केबल लग जाने के बाद खतरे की अंदेशा भी दूर हो जायेगी.
त्रुटिपूर्ण बिल से उपभोक्ता परेशान: त्रुटिपूर्ण बिल भेजे जाने को लेकर उपभोक्ताओं की शिकायत पुरानी है, जो कल भी थी और आज भी है. हालांकि, इसके निदान को लेकर काफी लंबे समय तक विभाग ने प्रत्येक महीने की 15 तारीख को एक विशेष कैंप लगा रहा था. इसमें उपभोक्ता आसानी से अपनी बात अधिकारियों के बीच रख पाते थे. क्योंकि, इस व्यवस्था में सभी अधिकारी एक ही छत के नीचे सुगमता से मिल जाते थे और कई त्रुटिपूर्ण बिलों का त्वरित निबटारा कर दिया जाता था. परंतु, शुरू के कुछ माह तक यह ठीक-ठाक चला. धीरे-धीरे शिविर में अधिकारियों का बैठना लगभग बंद हो गया और विभाग के कर्मचारियों के भरोसे ही इसे छोड़ दिया गया, जहां उपभोक्ताओं के आवेदन तो जमा कर लिए जाते हैं. परंतु, सुनवाई की प्रक्रिया फिर से जटिल हो गयी.
जगह-जगह सिर पर ट्रांसफॉर्मर
गली-मुहल्लों में एक तारों का जाल ही जानलेवा नहीं बन रही. बल्कि, शहर में जगह-जगह नीचे तक लटका कर रखे गये ट्रांसफॉर्मर भी लोगों के सिर पर मौत बन कर नाचती रहती है. शहर के लोगों द्वारा कई बार सड़क के या चौक चौराहों से सट कर रखे गये बिजली के ट्रांसफॉर्मर को हटाने की मांग कर चुके है. लेकिन, जनता की आवाज को बिजली विभाग के कर्मचारी अनसुना करते आ रहे हैं. शहर के एकता चौक, सब्जी मंडी के सामने, कचहरी के समीप, वीआईपी चौक, खादी भंडार गली के समीप आदि जगहों पर तो ट्रांसफॉर्मर इतने नीचे रखा हुआ है
कि वहीं दुकानदारी भी होती है और जान पर खेल कर खरीदार भी जुटते है. खादी भंडार के समीप रखे ट्रांसफॉर्मर के बीच से ही रास्ता बना हुआ है. इसके नीचे से शहर या बाजार करनेआने वाले लोग गुजरते रहते हैं. अगर ऐसे में कोई बड़ी दुर्घटना हो जाये, तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा. बिजली विभाग तो जनता के दिये गये पैसे से पीड़ित को मुआवजा देकर अपनी जान छुड़ा लेगी. लेकिन, जिस घर का सदस्य दुर्घटना का शिकार होगा उसका क्या.
नये अधिकारी पुराना मामला बता कर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं
बेतरतीब तरीके से लगे हैं सर्विस वायर
शहर के कई बिजली खंभों पर बेतरतीब तरीके से बंधे सर्विस वायर से बिजली की आपूर्ति हो रही है. विभाग द्वारा संज्ञान में नहीं लिये जाने से ऐसी नौबत बनी हुई है. यहां उपभोक्ता अपनी मर्जी से टोका डाल देते हैं. इसके कारण एक ही जगह पर तारों का मकड़जाल लगा हुआ देखा जा सकता है. बल्कि, इसको टिवस्ट नहीं किये जाने से रात के अंधेरे में स्पार्क लेते हुए भी देखा गया है. एक बिजली मिस्त्री ने बताया कि तारों को टिवस्ट नहीं किये जाने के कारण उस जगह के तार के स्पार्क लेने से ये वहां से कमजोर हो जाते हैं और गल कर टूट जाते हैं. इस कारण तारों का टिवस्ट किया जाना जरूरी है.
रोहतास में ट्रेनों की चपेट में आने से चार मरे
सासाराम नगर (रोहतास). रोहतास जिले में अलग-अलग चार जगहों पर ट्रेनों की चपेट में आने से चार लोगों की मौत हो गयी, जबकि एक महिला की स्थिति गंभीर बनी है. ये हादसे गया-मुगलसराय रेलखंड पर 21 किलोमीटर के दायरे में हुए हैं. एक वृद्ध मृतका की पहचान नहीं हो सकी है. पहली घटना शिवसागर स्टेशन के प्लेटफाॅर्म नंबर एक की है. गुरुवार की सुबह शिवसागर थाना क्षेत्र के बरैला गांव निवासी वकील महतो की बेटी चांदनी (16 वर्ष) व अजंली (14 वर्ष) पटना-भभुआ इंटरसिटी पर सासाराम में चढ़ी. जब ट्रेन शिवासागर में नहीं रुकी, तो दोनों बहनें प्लेटफाॅर्म पर छलांग लगा दीं. इसमें चांदनी की प्लेटफाॅर्म व ट्रेन के बीच आने से मौत हो गयी, जबकि
रोहतास में ट्रेनों की…
छोटी बहन अंजली बुरी तरह जख्मी हो गयी. अंजली का इलाज शहर में एक निजी क्लिनिक में चल रहा है, जहां उसकी स्थिति गंभीर बनी है. जानकारी के अनुसार दोनों बहनें शहर में मदरसलानी पीर मजार से दर्शन कर वापस घर लौट रही थीं. दोनों को पता नहीं था कि ट्रेन शिवसागर में नहीं रुकती है. जब दोनों ने देखा कि ट्रेन नहीं रुक रही, तो हड़बड़ाहट में प्लेटफॉर्म पर चलती ट्रेन से कूद गयीं. दूसरी घटना में सासाराम शहर में शंकर कॉलेज के समीप डाउन लाइन से युवक का शव बरामद किया गया. मृतक शहर के राजपूत कॉलोनी निवासी नंदकिशोर सिंह का बेटा विकास नंद यादव बताया जाता है.
विकास के ट्रेन से गिरने पर मौत की आशंका जतायी जा रही है.
तीसरी घटना में करवंदिया स्टेशन के समीप डाउन लाइन से ही एक युवक का शव बरामद किया गया. मृतक भोजपुर जिले के जगदीशपुर निवासी सरोज कुमार (22 वर्ष) पिता शोभनाथ चौधरी बताये जाते हैं. चौथी घटना सासाराम स्टेशना के प्लेटफाॅर्म नंबर तीन पर हुई. ट्रेन के झटके से एक 70 वर्षीय महिला की मौत हो गयी.
मृतका की पहचान नहीं हो सकी है. इस संबंध में रेल थानाध्यक्ष ज्योति प्रकाश ने बताया कि शिवसागर स्टेशन पर हुए हादसे के बाद परिजन मृतका व जख्मी युवती को बिना सूचना दिये ले गये. दो शवों की शिनाख्त उनके पॉकेट से बरामद कागजात से की गयी है. दोनों शवों को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया गया. वृद्ध मृतका की पहचान की जा रही है.
गया-मुगलसराय रेलखंड पर चार जगहों पर हुए हादसे
ट्रेन नहीं रुकने पर दो बहनें कूदीं, एक की मौत
हर घर पानी पहुंचाने में नगर पर्षद सक्षम नहीं, कई वार्डों के लोग रह गये प्यासे

Next Article

Exit mobile version