सदर अस्पताल परिसर में थी 673 वर्ग फुट जमीन

लश्करीगंज निवासी प्रह्लाद दूबे ने उठाया कदम सासाराम कार्यालय : पहले जमीन के लिए करीब 40 वर्ष तक मुकदमा लड़ा. फिर कई बार अपनी भूमि को अतिक्रमण मुक्त करने के लिए संघर्ष किया. अब हाई कोर्ट के आदेश पर काफी मशक्कत करने के बाद जमीन मिली, तो उसे ही दान में दे दिया, जिसके साथ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 8, 2018 3:56 AM

लश्करीगंज निवासी प्रह्लाद दूबे ने उठाया कदम

सासाराम कार्यालय : पहले जमीन के लिए करीब 40 वर्ष तक मुकदमा लड़ा. फिर कई बार अपनी भूमि को अतिक्रमण मुक्त करने के लिए संघर्ष किया. अब हाई कोर्ट के आदेश पर काफी मशक्कत करने के बाद जमीन मिली, तो उसे ही दान में दे दिया, जिसके साथ उसने मुकदमा लड़ा. यह कारनामा शहर के लश्करीगंज मुहल्ला निवासी प्रह्लाद दूबे ने कर दिखाया. मंगलवार को सघर्ष के बाद मिली खाता संख्या 86, प्लॉट नंबर-256 जमीन के 673 वर्ग फीट टूकड़े को सदर अस्पताल को दान कर दिया. दानपत्र की रजिस्ट्री राज्यपाल बिहार सरकार वास्ते सदर अस्पताल द्वारा असैनिक शल्य चिकित्सक पदाधिकारी सह मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी सासाराम के नाम किया गया.
अनुमंडल अस्पताल को सदर अस्पताल में बदलने के लिए बड़े पैमाने पर हुआ था भूमि का अधिग्रहण : पूर्व के इतिहास में जाये, तो पहले शहर में अनुमंडल अस्पताल था. अनुमंडल अस्पताल को सदर अस्पताल में बदलने के लिए सरकार ने बड़े पैमाने पर भूमि का अधिग्रहण किया. इसी अधिग्रहण के दौरान सदर अस्पताल व रौजा रोड के बीच के जमीन का अंश विवादित हो गया. प्रह्लाद दूबे ने इस पर अपना दावा ठोका था. करीब 40 वर्ष तक विभिन्न अदालतों में मामला चलता रहा.
अंत में हाईकोर्ट ने प्रह्लाद दूबे के पक्ष में फैसला दिया. फैसला देने के बाद मामला अतिक्रमण वाद में अटक गया. जमीन का कुछ अंश सदर अस्पताल द्वारा अतिक्रमित पाया गया, तो दूसरी ओर खाली जमीन पर फुटपाथियों का कब्जा था. इसे भी कोर्ट के आदेश पर प्रशासन ने हल कर लिया. लेकिन, मामला फंस गया अतिक्रमित भूमि पर बने टीबी वार्ड का. कोर्ट ने उसे भी तोड़ने का आदेश दिया था. लेकिन, भूमि पर कब्जा मिलने के बाद श्री दूबे ने लोगों के लिए बने अस्पताल में अपना भी अंश देने का मन बनाया. उतनी भूमि दान में दे दी और टूटने से बच गया सदर अस्पताल का टीबी वार्ड.

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