भूमि दान करने के कदम की सराहना
सासाराम कार्यालय : आज के दौर में अखबार उलटते ही हमारे सामने चोरी, छिनतई, मुकदमेबाजी जैसी खबरे ही हाेती है. क्योंकि, वर्तमान में ऐसी ही खबरों की भरमार होती है. लेकिन, इनमें कभी कभी कुछ अच्छी खबरें भी पढ़ने को मिल जाती हैं. मतलब, अभी अच्छाई भी जिंदा है. लश्करीगंज निवासी प्रह्लाद दूबे की जितनी […]
सासाराम कार्यालय : आज के दौर में अखबार उलटते ही हमारे सामने चोरी, छिनतई, मुकदमेबाजी जैसी खबरे ही हाेती है. क्योंकि, वर्तमान में ऐसी ही खबरों की भरमार होती है. लेकिन, इनमें कभी कभी कुछ अच्छी खबरें भी पढ़ने को मिल जाती हैं. मतलब, अभी अच्छाई भी जिंदा है. लश्करीगंज निवासी प्रह्लाद दूबे की जितनी भी प्रशंसा की जाये, कम है.
40 वर्षों के संघर्ष के बाद मिली अपनी जमीन को, जिसकी कीमत लगभग 25 लाख से अधिक है वह सदर अस्पताल को दान कर दिया. 40 वर्षों तक अपने हक के लिए लड़ना उनके स्वाभिमान को दर्शाता है, जबकि जन साधारण के कल्याण के लिए इतनी मेहनत व व्यय के बाद पायी गयी भूमि को दान में देना उनमें सहृदयता व समाजसेवा का भाव दिखाता है. यह उनके व्यक्तित्व की गंभीरता व दयालुता को दर्शाता है, जो अनुकरणीय है. विगत 40 वर्षों से अदालती कार्रवाई का सामना करना कोई आसान नहीं होता.
इस कवायद में उन्होंने अच्छा खासा पैसे भी खर्च किये होंगे. टीबी वार्ड टूटने पर कुछ दिनों के लिए ही सही पर मरीजों को परेशानी तो जरूर होती. ऐसा व्यक्ति भी हो सकता था, जो इस 673 वर्ग स्क्वायर फीट जमीन का इस्तेमाल अन्य व्यावसायिक कार्यों के लिए कर करोड़ों कमाने की जुगत लगाता. लेकिन, दूबेजी ने एक उदाहरण पेश किया है. इस कदम को रौजा रोड के दवा विक्रेता राकेश स्वरुप सिन्हा, अभय वर्मा, दीपक वर्मा, विजय पटेल, अमन पटेल, भईया लाल आदि ने काफी सराहा है.