सासाराम : ऐतिहासिक स्थलों के विकास से मिलेगा रोजगार : राज्यपाल

सासाराम : मेरा वश चलता, तो शेरशाह सूरी मकबरे की मार्केटिंग अफगानिस्तान तक करता और वहां के अफगानों को पठान वास्तुकला के इस बेजोड़ नमूने के बारे में बताता और अफगानियों के यहां आने का सिलसिला शुरू हो जाता. देश में यह ताजमहल के बराबर का स्थापत्य है. ये बातें सूबे के राज्यपाल सत्यपाल मलिक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 20, 2018 6:27 AM
सासाराम : मेरा वश चलता, तो शेरशाह सूरी मकबरे की मार्केटिंग अफगानिस्तान तक करता और वहां के अफगानों को पठान वास्तुकला के इस बेजोड़ नमूने के बारे में बताता और अफगानियों के यहां आने का सिलसिला शुरू हो जाता. देश में यह ताजमहल के बराबर का स्थापत्य है.
ये बातें सूबे के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने शेरशाह सूरी मकबरे का रविवार को अवलोकन करने के बाद जिला परिसदन में आयोजित प्रेसवार्ता में कहीं. उन्होंने कहा कि बिहार में ऐतिहासिक व पुरातात्विक महत्व के बहुत सारे स्थल हैं, जिन्हें विकसित करने से राज्य के लोगों का विकास हो सकता है. पर्यटन को बढ़ाने से स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा. किसी भी ऐतिहासिक इमारत में पर्यटकों के आने से वहां विभिन्न तरह की छोटी-छोटी दुकानें चलने लगती हैं.
महामहिम ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह की सरकार में वह पर्यटन मंत्री थे. उस समय राजस्थान के मुख्यमंत्री भैरो सिंह शेखावत ने अपने राज्य में पर्यटन के लिए प्रस्ताव रखा था. उन्होंने वहां के छोटे-छोटे किलों व रजवाड़ों के महलों को विकसित करने की योजना बनायी.
राज्य सरकार ने उन महलों, बावड़ियों के लिए लोन दिया और अब राजस्थान के विकास व राजस्व में पर्यटकों का योगदान सबसे अधिक है. राज्यपाल ने कहा कि वह बिहार को भी उसी तरह तैयार करना चाहते हैं. कैमूर पहाड़ी पर स्थित रोहतासगढ़ किला व शेरशाह सूरी मकबरे को योजनाबद्ध तरीके से विकसित करने के लिए काम हो रहा है.
विगत 21 जुलाई को इससे संबंधित केंद्र व राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ बैठक हुई थी, जिसमें राज्य में पर्यटन को रोजगारपरक बनाने के लिए यहां के ऐतिहासिक स्थलों को विकसित करने की योजना बनायी गयी है. राज्यपाल ने कहा, ‘ इसी योजना के तहत मैं आज रोहतासगढ़ किला व शेरशाह सूरी मकबरे को देखने आया हूं. इसी वर्ष सर्दियों के समय मैं दो दिनों के लिए फिर सासाराम आऊंगा. उस समय और भी ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण करूंगा’.
उन्होंने सासाराम के चंदतन शहीद पीर पहाड़ी पर स्थित पुरातात्विक महत्व के सम्राट अशोक के लघु शिलालेख को मुक्त कराने के संबंध में डीएम को निर्देश दिया. मौके पर राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के प्रधान सचिव विवेक कुमार सिंह, डीएम पंकज दीक्षित सहित कई अधिकारी मौजूद थे.

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