सासाराम कार्यालय : पिछले तीन दशक से लंबित रोहतास-कैमूर की सर्वाधिक महत्वाकांक्षी दुर्गावती जलाशय परियोजना से किसानों के खेतों तक पानी पहुंचाना अभी भी दूर की कौड़ी है. हालांकि, प्रशासनिक स्तर पर हर संभव समय सीमा के अंदर कार्य पूरा कराने के लिए प्रयास तो पूरा किया जा रहा है. लेकिन, अहम सवाल यह है कि बरसात का मौसम बस कुछ ही दिनों में आने वाला है. बारिश शुरू होने के बाद परियोजना स्थल पर कार्य कराना काफी मुश्किल हो जायेगा.
ऐसे में जल संसाधन विभाग समेत सरकारी मशीनरी का पूरा ध्यान इस परियोजना को पूरा करने पर है और इसके लिए सरकारी अधिकारी समेत संबंधित विभागीय अधिकारियों व राजनेताओं के लगातार दौरे हो रहे हैं. वहीं, तीन दशकों से लंबित इस परियोजना को पूरा होने की स्थिति में देख विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा इसका श्रेय लेने की कोशिश भी शुरू हो गयी है.
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने इस परियोजना को जहां मुद्दा बना कर मीरा कुमार के पक्ष में वोट मांगा था, जबकि राज्य सरकार इसे अपनी उपलब्धि बता रही है. वहीं, सरकार से अलग हुई भाजपा भी अगले चुनावों को देख इसे मुद्दा बना कर लाभ लेने के चक्कर में पीछे नहीं रहना चाहती है. इसी के तहत गुरुवार को पूर्व उपमुख्यमंत्री सह वरीय भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी डैम पहुंच प्रोजेक्ट की जानकारी लेने के साथ-साथ विस्थापितों से भी बातचीत की.
नहर व रिवर क्लोजर का काम अधूरा : दुर्गावती परियोजना स्थल पर अब भी काफी कार्य अधूरा पड़ा है. ऐसे में यह कहना मुश्किल नहीं होगा कि प्रशासन या विभाग चाहे लाख दावे कर ले, लेकिन इस बार किसानों की खेतों तक पानी पहुंचाना शायद संभव नहीं हो पाये. रिवर क्लोजर के काम की बात करे, तो अभी तक 120 मीटर डैम का काम ही पूरा हुआ है.
अब भी 114 मीटर कार्य अधूरा पड़ा है. डैम के दोनों तरफ (बायें व दाएं) से निकलने वाली नहरों की खुदाई तो हो गयी है, लेकिन माइनर व पुलिया निर्माण बाकी है. वहीं, जहां से दोनों नहरों में पानी छोड़ना है, वहां पक्कीक रण का कार्य शुरू भी नहीं हुआ है. इसके अलावा बोल्डर पिच व रिवर क्लोजर पर काम आधा अधूरा ही हुआ है. डैम के बायीं तरफ कैमूर जाने वाली आउटलेट (नहर) का काम तो पूरा हो गया है, लेकिन दायीं तरफ रोहतास जाने वाली आउटलेट का कार्य बाकी है.