प्लस टू व हाइस्कूलों में अब भी कम हैं शिक्षक
सासाराम (नगर) : जिले में द्वितीय चरण के माध्यमिक व उच्च माध्यमिक शिक्षक नियोजन की प्रक्रिया पूरी हो गयी. फिर भी विभिन्न प्लस व हाइस्कूलों में रिक्त पड़े एक हजार से अधिक पदों को भरा नहीं जा सका है. ऐसी स्थिति में प्लस टू व प्लस टू में उत्क्रमित विद्यालयों में छात्रों को बिना शिक्षक […]
सासाराम (नगर) : जिले में द्वितीय चरण के माध्यमिक व उच्च माध्यमिक शिक्षक नियोजन की प्रक्रिया पूरी हो गयी. फिर भी विभिन्न प्लस व हाइस्कूलों में रिक्त पड़े एक हजार से अधिक पदों को भरा नहीं जा सका है.
ऐसी स्थिति में प्लस टू व प्लस टू में उत्क्रमित विद्यालयों में छात्रों को बिना शिक्षक के ही पढ़ना मजबूरी हो गयी हैं. क्योंकि, विभाग ने उत्क्रमित सभी स्कूलों में नामांकन करने का फरमान जारी रखा है. शिक्षक के जो पद खाली रह गये हैं उन्हें भरने का फिलहाल कोई आसार नहीं दिखता है. क्योंकि, शिक्षक नियोजन नियमावली के तहत शेष रिक्तियों के लिए नये सिरे से आवेदन लिये जाने का प्रावधान है.
ऐसी स्थिति में उत्क्रमित विद्यालयों को विषय वार शिक्षक के लिए अभी और इंतजार करना होगा. प्लस टू स्कूलों में किसी तरह से पढ़ाई की व्यवस्था तो हो सकती हैं, लेकिन अपग्रेड अधिकतर हाइस्कूलों के पास अपना शिक्षक नहीं हैं. कुछ ऐसे मिडिल स्कूलों को विभाग ने माध्यमिक विद्यालय के रूप में उत्क्रमित किया हैं, जहां सिर्फ एक शिक्षक हैं वह भी नियोजित. ऐसी स्थिति में उत्क्रमित हाइस्कूल में पढ़ाने की बात तो दूर मिडिल स्कूल में भी कक्षा का संचालन सही ढंग से नहीं हो पाता है.
अपग्रेड हाइस्कूल में पांच व प्लस टू में 10 शिक्षकों की जरूरत: जिले में हाइस्कूल व प्लस टू के रूप में उत्क्रमित विद्यालयों में विभाग ने विषयवार रिक्तियां अलग-अलग तय की हैं.
प्रत्येक उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालयों में कम-से-कम पांच व प्लस टू में दस शिक्षकों का होना अनिवार्य है. परंतु, सबसे मजे की बात तो यह है कि पांच व 10 की बता कौन करें, एक शिक्षक के सहारे स्कूल चल रहा है. सबसे खराब स्थिति वित्तीय वर्ष 2013- 14 में उत्क्रमित हाइस्कूलों की है, जहां शिक्षक नियोजन की प्रक्रिया शुरू नहीं की जा सकी हैं. इस स्थिति में विद्यार्थियों को काफी मुश्किल होगी.