दुर्लभ पैंगोलिन का पांच लाख रुपये में सौदा करते दो तस्कर कैमूर पहाड़ी से गिरफ्तार, वन्य जीव बरामद
अकबरपुर / सासाराम : कैमूर पहाड़ी के छोटका बुधवा जंगल में गुप्त सूचना के आधार पर रोहतास रेंजर ने सूमो से ले जा रहे दुर्लभ पैंगोलिन (बजरकिट) को बरामद करते हुए दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. रोहतास रेंजर बृजलाल मांझी ने बताया कि गुप्त सूचना मिली थी कि बीआरटूएच-9459 नंबर की सूमो के […]
अकबरपुर / सासाराम : कैमूर पहाड़ी के छोटका बुधवा जंगल में गुप्त सूचना के आधार पर रोहतास रेंजर ने सूमो से ले जा रहे दुर्लभ पैंगोलिन (बजरकिट) को बरामद करते हुए दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. रोहतास रेंजर बृजलाल मांझी ने बताया कि गुप्त सूचना मिली थी कि बीआरटूएच-9459 नंबर की सूमो के साथ अनजान व्यक्ति छोटका बुधवा के जंगल में खड़ा है. सूचना पाते ही जंगल की घेराबंदी कर अभियुक्तों के पास पहुंचा, तो जंगल का सहारा लेकर चार व्यक्ति फरार हो गये और दो लोगों रामचंद्र चौहान भूअरा, जितेंद्र चौधरी अमई बंधन, आरा को बजरकिट सहित गिरफ्तार कर रोहतास मुख्यालय लाया गया. वहीं, जंगल का फायदा उठाते हुए अशोक उराव, भागीरथ उरांव, अमित चौधरी एवं वीरेंद्र कुमार भागने में कामयाब रहे. सभी आरोपितों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी है. गिरफ्तार लोगों ने बताया कि पैंगोलिन (बजरकिट) का सौदा पांच लाख में किया गया था, जिसे बाहर ले जाकर ऊंची कीमत में बेचा जाता.
पैंगोलिन की तस्करी क्यों?
भारत में भी मिलनेवाला स्तनधाारी वन्य प्राणी सरीसृप वर्ग का है, जो रात में ही निकलता है. विदेशों में इसे ऊंची कीमत में बेचा जाता है. इसका मांस स्वादिष्ट होने के कारण ऊंची कीमत में खरीदी-बेची जाती है. वहीं, वैश्विक स्तर पर इसकी चमड़ी, शल्क, हड्डी सभी चीजों का प्रयोग शक्ति वर्धक दवाइयां बनाने में प्रयोग में लाया जाता है. इस कारण भारत में भी करीब पंद्रह लाख रुपये तक में इसकी खरीद-बिक्री होती है. विदेशों में शक्तिवर्धक दवाइयों के नाम पर मुंहमांगी कीमत मिल जाती है. इसके शल्क को निकालने के लिए खौलते हुए पानी में डाल कर शल्कों का व्यापार किया जाता है. इसकी कीमत विदेशों में करोड़ों रुपये होती है.