हर वर्ष बरसात में जलमग्न हो जाता है जिला पर्षद कार्यालय

सासाराम : जिला पर्षद कार्यालय बरसात के दिनो में हल्की बारिश के बाद ही जलमग्न हो जाता है, जिससे जिप कार्यालय परिसर में कार्यरत अधिकारी, जनप्रतिनिधी समेत आमजनों को काफी परेशानीयों का सामना करना पड़ता है. यह स्थिति सिर्फ इसी वर्ष की नहीं है, बल्कि विगत 10 वर्षों से इस कार्यालय की बरसात के दिनों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 25, 2019 8:20 AM

सासाराम : जिला पर्षद कार्यालय बरसात के दिनो में हल्की बारिश के बाद ही जलमग्न हो जाता है, जिससे जिप कार्यालय परिसर में कार्यरत अधिकारी, जनप्रतिनिधी समेत आमजनों को काफी परेशानीयों का सामना करना पड़ता है. यह स्थिति सिर्फ इसी वर्ष की नहीं है, बल्कि विगत 10 वर्षों से इस कार्यालय की बरसात के दिनों में ऐसी स्थिति हो जाती है.

जिला पर्षद कार्यालय परिसर के अंदर उप डाकघर के अलावा भी कई विभागों के कार्यालय चलते हैं, जिस कारण इस परिसर में पूरे दिन लोगों का आना-जाना रहता है, लेकिन जैसे ही बारिश होती है, आम से खास लोगों को पैर से जूता चप्पल निकाल कार्यालय में जाने की मजबूरी हो जाती है.
जलजमाव का मुख्य कारण नगर पर्षद का नाला है, जो जिप कार्यालय के मुख्य गेट से होकर गुजरता है. तेज बारिश के बाद नाला भर जाता है और उसका गंदा पानी जिप परिसर में प्रवेश कर जाता है. नाले के गंदे पानी से दुर्गंध निकलनी शुरु हो जाती है. ऐसे में जिप कार्यालय के दफ्तर में काम करने वाले अधिकारी व कर्मियों को काफी परेशानी होती है.
जलजमाव से निकल रहे दुर्गंध के कारण अधिकारी व कर्मी अपने काम को भी अच्छे से निबटा नहीं पाते हैं. इस नारकीय स्थिति के कारण हाजिरी बनाकर कर्मचारी कार्यालय के बाहर ही रहना पसंद करते हैं. अगर नप के नाले की सफाई या उसके पानी के निकासी की समुचित व्यवस्था नहीं होती है और जिप कार्यालय के जलजमाव की समस्या का कोई समाधान नहीं निकाला गया, तो कभी भी महामारी फैल सकती है.
कार्यालय आने से हिचकते हैं जिला पर्षद सदस्य
जिले में जिला पर्षद के 30 सदस्य हैं, जिनको अपने क्षेत्र में योजनाओं का क्रियान्वयन करने व नयी योजनाओं की जानकारी के लिए अक्सर कार्यालय आना होता है, लेकिन जैसे ही बरसात शुरू होती है, जिला पर्षद सदस्य इस कार्यालय में आने से परहेज करने लगते हैं, जिसमें जिले में जिला पार्षद मद से चल रहे विकास कार्य प्रभावित हो जाते हैं.
इसके अलावा जिप कार्यालय परिसर में उप डाकघर समेत कई कार्यालय हैं, जिसमें पूरे दिन लोगों का आना-जाना लगा रहता है. अपने कार्यों को निबटाने के लिए दफ्तर पहुंचने वाले लोग नाक बंद कर इन कार्यालयों में पहुंच अपना कार्य कराते हैं.

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