ड्रोन कैमरे से होने लगी जल जंगल व पहाड़ी की निगरानी

सासाराम शहर : जिले में जल, जंगल, जमीन और पहाड़ी की निगरानी वन विभाग ने ड्रोन से शुरू कर दी. ड्रोन सर्वेक्षण के पायलट प्रोजेक्ट में शामिल बिहार के एक मात्र रोहतास जिले में गुरुवार को वन विभाग की टीम ने सर्वे का कार्य शुरू कर दिया. कोलकाता की स्काईमैप ग्लोबल कंपनी की टीम के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 30, 2019 8:16 AM

सासाराम शहर : जिले में जल, जंगल, जमीन और पहाड़ी की निगरानी वन विभाग ने ड्रोन से शुरू कर दी. ड्रोन सर्वेक्षण के पायलट प्रोजेक्ट में शामिल बिहार के एक मात्र रोहतास जिले में गुरुवार को वन विभाग की टीम ने सर्वे का कार्य शुरू कर दिया. कोलकाता की स्काईमैप ग्लोबल कंपनी की टीम के साथ वन विभाग के अधिकारी ने ताराचंडी धाम के समीप कैमूर पहाड़ी पर दो अलग-अलग रिमोट संचालित ड्रोन कैमरा क्वाड कॉप्टर व फिक्सड विंग एयर क्राफ्ट से हवाई सर्वेक्षण किया.

टीम ने ताराचंडी व सिकरियां पंचायत में हुए पौधारोपण व जलसंवर्धन कार्यों की मैपिंग भी की. इसके अलावे बिक्रमगंज में सड़क व नहर किनारे हुए पौधारोपण कार्य का सर्वेक्षण किया. इस संबंध में डीएफओ ने बताया कि ड्रोन के माध्यम से घर बैठे तीन सौ हेक्टेयर क्षेत्रफल में स्थित डेढ़ सेंटी मीटर की किसी भी वस्तु को आसानी से देखा जा सकता है. ड्रोन में इतने क्षेत्रफल का एक साथ तस्वीर लेने की क्षमता है.
ड्रोन से अवैध खनन पर लगेगा विराम
कैमूर पहाड़ी में लगातार हो रहे अवैध खनन की ड्रोन कैमरे से हवाई सर्वेक्षण हुआ. खनन क्षेत्र में वन विभाग द्वारा जैसे ही ड्रोन से निगरानी की खबर पहुंची. अवैध पत्थर खनन के कारोबार में लगे माफियाओं में हड़कंप मच गया.
ड्रोन कैमरे से खनन क्षेत्र में चल रहे जेसीबी, वाहन समेत अन्य उपकरणों की फोटोग्राफी करायी गयी. वन विभाग की इस कार्रवाई से अवैध खनन पर रोक लगाने में सुविधा होगी. इसके माध्यम से चिह्नित खनन क्षेत्र और उसमें लगे माफियाओं व मशीनों व अन्य उपकरणों को जब्त करने की कार्रवाई करने में पुलिस व प्रशासन को आसानी होगी.
कहते हैं अधिकारी
वन विभाग ड्रोन व यूएवी के माध्यम से पौधारोपण, जल, जंगल व खनन क्षेत्र की निगरानी शुरू की गयी है. ड्रोन से सर्वेक्षण के लिए कोलकाता से टीम आयी है, जो कैमूर पहाड़ी से जंगल का व करवंदिया क्षेत्र से ड्रोन द्वारा फुटेज व हाई रिजोल्यूशन इमेजिंग कर रही है. इसके माध्यम से खनन क्षेत्र में अवैध रूप से कार्यरत जेसीबी, वाहन समेत अन्य उपकरणों व माफियाओं की पहचान में आसानी होगी.
प्रद्युम्न गौरव, डीएफओ रोहतास

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