डेहरी कार्यालय : बड़े-बड़े शहरों में इन दिनों प्रदूषण की मार लोग झेले रहे हैं. वायु प्रदूषण में गंदगी को भी मुख्य कारण माना जाता है. लेकिन, शहर के जिम्मेदार लोगों को तनिक भी इसकी चिंता नहीं है. शहर में कूड़ा ढोने की गाड़ी कूड़े को बिना ढके खुलेआम सड़क पर सरपट दौड़ते नजर आ रही हैं.
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खुली ट्रॉली दौड़ रही सरपट सड़कों पर बिखर रहा कूड़ा
डेहरी कार्यालय : बड़े-बड़े शहरों में इन दिनों प्रदूषण की मार लोग झेले रहे हैं. वायु प्रदूषण में गंदगी को भी मुख्य कारण माना जाता है. लेकिन, शहर के जिम्मेदार लोगों को तनिक भी इसकी चिंता नहीं है. शहर में कूड़ा ढोने की गाड़ी कूड़े को बिना ढके खुलेआम सड़क पर सरपट दौड़ते नजर आ […]
इन गाड़ियों से कूड़ा गिर कर सड़क पर बिखर रहा है. यही नहीं हवा में कूड़ा उड़ने से दोपहिया वाहन चालक या पैदल चलने वाले राहगीरों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
कई बार कूड़े उड़ कर बाइक चालकों की आंखों में पड़ जाती है, जिससे बाइक चालक दुर्घटनाग्रस्त होने की स्थिति में आ जाता है. यही नहीं बिना ढके कूड़े से उठने वाले बदबू के कारण जिस रास्ते से कुंडा लदा गाड़ी जाती है, उस रास्ते में लोगों को नाक पर रूमाल रखना मजबूरी हो जाती है.
लोगों का कहना है कि बीते एक अक्तूबर को जब शहर की सफाई की जिम्मेदारी नगर पर्षद प्रशासन ने एनजीओ को दे दी थी, तो शहर के लोगों को उम्मीद जगी थी कि अब शहर चकाचक होगा व शहर से कूड़ा उठा कर बाहर फेंकने ले जाने वाले वाहनों पर कूड़ा को पूरा ढक कर ले जाया जायेगा, जिससे आम जनता को होने वाली परेशानी से निजात मिलेगी.
लेकिन, एक माह से अधिक का समय बीत जाने के बाद अब भी पूर्व की भांति खुली ट्राॅली पर कूड़ा लाद कर ले जाया जा रहा है. इससे लोग यह कहते सुने जा रहे हैं कि भले ही जिम्मेदारी बदल गयी, लेकिन पूर्व की तरह ही सारी व्यवस्था देखने को मिल रही है. ऐसी स्थिति में हम सब क्या उम्मीद करें.
कहते हैं लोग
शहर में कूड़े का उठाव कर उसे बाहर फेंकने के लिए ले जाने वाले वाहनों को कूड़े को पूरी तरह ढक कर ले जाना चाहिए, ताकि लोगों को परेशानी ना हो.
रिंकू खान
नगर पर्षद क्षेत्र में सड़क पर प्रतिदिन ऐसे वाहनों को खुलेआम आते-जाते देखा जा सकता है, जिस पर कूड़ा लदा है. लेकिन उसे ढका नहीं
जाता है.
जितेंद्र यादव
कूड़े से उठने वाले बदबू से लोगों को निजात दिलाने की व्यवस्था भी नप प्रशासन द्वारा करनी चाहिए, ताकि लोगों को अपने नाक पर ना चाहते हुए रूमाल न रखनी पड़े.
बब्लू अंसारी
नप प्रशासन द्वारा जिन शर्तों पर एनजीओ को शहर की सफाई व्यवस्था का कमान सौंपा गयी है, वह एनजीओ द्वारा किया जा रहा है कि नहीं इस पर ध्यान देने की आवश्यकता है.
प्रमोद महतो, नगर अध्यक्ष, जदयू
कहते हैं अधिकारी
शहर को प्रदूषण मुक्त बनाने का प्रयास जारी है. शहर प्रदूषित ना हो इसके लिए नप प्रशासन कृत संकल्पित है. वाहनों पर कूड़े को पूरी तरह ढक कर ले जाने का आदेश एनजीओ को दिया गया है. अगर कहीं भी बिना ढके कूड़े ले जाते कोई वाहन पकड़े जायेंगे, तो एनजीओ पर निश्चित रूप से कार्रवाई की जायेगी.
सुशील कुमार, ईओ, नप डेहरी
सड़क किनारे अब भी कई जगह डंप है कूडा
बीते एक अक्तूबर को सीबीएस फैसिलिटी मैनेजमेंट नामक एनजीओ को करीब 40 लाख रुपये प्रतिमाह देकर शहर की सफाई की जिम्मेदारी नप प्रशासन द्वारा सौंपी गयी है. कूड़ा उठाव में लगी एनजीओ द्वारा मुहल्लों में सीटी बजा कर कूड़ा उठाव कराना शुरू किया गया.
अब सीटी की आवाज धीमी सी पड़ गयी है. यही नहीं सड़क किनारे पूर्व से डंप पड़े कूड़े को हटा कर उसे शहर से बाहर ले जाने की बातें बरसों से की जा रही हैं, लेकिन अब तक ऐसा होता नहीं दिख रहा है.
शहर के स्टेशन रोड स्थित छोटी लाइन का स्टेशन परिसर हो या कैनाल रोड में जक्खी बिगहा के पास रोहतास इंडस्ट्री का डीएलआर कॉलोनी के दक्षिणी हिस्से की खाली पड़ी भूमि, डालमियानगर मिडिल स्कूल का पश्चिम तरफ रोहतास उद्योग समूह की खाली पड़ी जमीन हो या फोरलेन पर जवाहर सेतु के पास का हिस्सा हर जगह पूर्व कूड़े की ढेर लगा है, जिस पर बिखरे रंग बिरंगे पॉलीथिन शहर की खूबसूरती पर दाग लगा रहा है.
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