सदर अस्पताल में डेंगू के उपचार व रोकथाम की व्यवस्था खस्ताहाल

सासाराम सदर : डेंगू, मलेरिया, डायरिया आदि घातक रोगों को रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग दावे तो बड़े-बड़े करता है, लेकिन सुविधाएं उपलब्ध कराने में खोखा साबित हो जाता है. इससे लोगों को सरकारी अस्पतालों से भरोसा उठ जाता है. ऐसे में लोग मजबूर होकर निजी अस्पतालों का सहारा लेने लगते हैं. बेहतर इलाज व […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 8, 2019 9:21 AM

सासाराम सदर : डेंगू, मलेरिया, डायरिया आदि घातक रोगों को रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग दावे तो बड़े-बड़े करता है, लेकिन सुविधाएं उपलब्ध कराने में खोखा साबित हो जाता है. इससे लोगों को सरकारी अस्पतालों से भरोसा उठ जाता है.

ऐसे में लोग मजबूर होकर निजी अस्पतालों का सहारा लेने लगते हैं. बेहतर इलाज व मरीजों को जरूरत की सारी सुविधाओं के दावे करने वाला जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल इन दिनों नाकाबिल ही साबित हो रहा है. खामियाजा गरीब तबके के मरीजों को भुगतना पड़ रहा है. इन दिनों शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक डेंगू मच्छरों का प्रकोप बढ़ा रहा है, जिससे लोग सहमे हुए हैं. कई लोग डेंगू की चपेट में आ भी गये हैं, तो कई डेंगू होने के भय व डर से जांच करा रहे हैं. लेकिन डेंगू के उपचार के लिए सदर अस्पताल कोई तैयार नहीं दिखती.
सदर अस्पताल में डेंगू के उपचार व रोकथाम की व्यवस्था लगभग नहीं है, जिसके कारण लोग मजबूर होकर निजी अस्पतालों में इलाज कराने को विवश हो रहे हैं. लेकिन, इसका असर गरीब परिवार के मरीजों पर पड़ रहा है. इस समय शहर के निजी अस्पतालों में डेंगू मरीजों की भरमार लगी है. वहीं, सदर अस्पताल में डेंगू मरीजों का अभाव है, जिसका कारण अस्पताल में इस बीमारी से संबद्ध व्यवस्थाओं के घोर अभाव का होना है.
सदर अस्पताल डेंगू के प्रति कितना सजग व सतर्क है, यह तो आंकड़ा ही बयां कर देता है. सदर अस्पताल के डेंगू विभाग में एक माह की बात कौन कहे, पिछले 10 माह से एक भी डेंगू का मरीज भर्ती नहीं हुआ है. वहीं, शहर के कई निजी अस्पतालों में चार दर्जन से अधिक डेंगू के मरीज पाये गये, जिनका इलाज शहर के विभिन्न निजी अस्पतालों में हुआ, तो कितनों ने शहर से बाहर इलाज करवाया.
इस वर्ष में एक भी मरीज नहीं हुए भर्ती
सदर अस्पताल से डेंगू विभाग में इस साल एक भी मरीज भर्ती नहीं हुए. वहीं, डायरिया के मरीज करीब 200 भर्ती हुए हैं. इस आलोक में डेंगू विभाग के इन्चार्ज निरमा कुमारी ने बताया कि जनवरी 2019 से अब तक एक भी डेंगू के मरीज वार्ड में नहीं पहुंचे हैं. डेंगू के मरीज भर्ती होने पर विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा इलाज किया जाता है. मरीज की स्थिति गंभीर होने पर रेफर किया जाता है.
बोले डेंगू पीड़ित
अधिक पैसे खर्च करने को हैं मजबूर
हाल ही में डेंगू की चपेट में आने वाले पीड़ित कृषि समन्वयक नवनीत किशोर सिंह, कोचस के राहुल कुमार, डेहरी के कृष्णा सिंह आदि ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के पास डेंगू के इलाज व जांच की व्यवस्था नहीं होने के कारण लोग निजी जांच घरों में अधिक पैसा खर्च करने को मजबूर हैं, जिससे पैसे को ले मरीजों व उनके परिवार वालों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा है. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग को इस जानलेवा घातक बीमारी से निबटने के लिए पूरी तरह तैयार रहना चाहिए, ताकि लोगों को इलाज के लिए दर दर की ठोकरें नहीं खानी पड़े.
वर्षों से नहीं थी डेंगू जांच करने की किट
कुछ दिन पहले पटना में डेंगू के प्रकोप बढ़ने की खबर सुन जिले के लोगों को भी डेंगू का भय सताने लगा था. अभी भी लोग डेंगू के भय से सहमें हुए हैं. वहीं, डेंगू को ले अपने को सतर्क बताने वाले स्वास्थ्य विभाग के सदर अस्पताल के पास जनवरी 2019 से पहले भी एक भी डेंगू जांच किट उपलब्ध नहीं थी.
दो माह पहले अस्पताल में डेंगू जांच किट उपलब्ध हुआ भी तो अब तक मात्र पांच मरीजों के ही काम आया है. एलटी वार्ड के जाकिर अंसारी ने बताया कि दो माह में पांच लोगों को डेंगू की जांच की गयी है. जांच में स्थिति कोई गंभीर अवस्था में नहीं पायी गयी. इस कारण उक्त मरीजों को नॉर्मल रूप से ही इलाज किया गया.
मच्छरों को पैदा होने से रोकने के उपाय
घर या ऑफिस के आसपास पानी जमा न होने दें, गड्ढों को मिट्टी से भर दें, रुकी हुई नालियों को साफ करें
अगर पानी जमा होेने से रोकना मुमकिन नहीं है तो उसमें पेट्रोल या केरोसिन ऑयल डालें
रूम कूलरों, फूलदानों का सारा पानी हफ्ते में एक बार और पक्षियों को दाना-पानी देने के बर्तन को रोज पूरी तरह से खाली करें, उन्हें सुखाएं और फिर भरें. घर में टूटे-फूटे डिब्बे, टायर, बर्तन, बोतलें आदि न रखें। अगर रखें तो उलटा करके रखें
डेंगू के मच्छर साफ पानी में पनपते हैं, इसलिए पानी की टंकी को अच्छी तरह बंद करके रखें।
अगर मुमकिन हो तो खिड़कियों और दरवाजों पर महीन जाली लगवाकर मच्छरों को घर में आने से रोकें
मच्छरों को भगाने और मारने के लिए मच्छरनाशक क्रीम, स्प्रे, मैट्स, कॉइल्स आदि इस्तेमाल करें। गुग्गुल के धुएं से मच्छर भगाना अच्छा देसी उपाय है
घर के अंदर सभी जगहों में हफ्ते में एक बार मच्छरनाशक दवा का छिड़काव जरूर करें, दवाई छिड़कते वक्त अपने मुंह और नाक पर कोई कपड़ा जरूर बांधें. साथ ही, खाने-पीने की सभी चीजों को ढक कर रखें
ध्यान दें : बचाव के उपाय
ऐसे कपड़े पहने, जिससे शरीर का ज्यादा-से-ज्यादा हिस्सा ढका रहे. खास कर बच्चों के लिए यह सावधानी बहुत जरूरी है. बच्चों को मलेरिया सीजन में निक्कर व टी-शर्ट न पहनाएं
बच्चों को मच्छर भगाने की क्रीम लगाएं
रात को सोते समय मच्छरदानी लगाएं

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