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बीज विक्रेताओं के लिए कृषि विज्ञान में डिप्लोमा करना होगा अनिवार्य

सासाराम ग्रामीण : उर्वरक विक्रेताओं को अपने कारोबार के लिए जारी लाइसेंस बचाये रखने के लिए एक वर्ष का डिप्लोमा कोर्स करना अनिवार्य होगा. सरकार के नये प्रावधानों के अनुसार, नये उर्वरक कारोबार के लिए लाइसेंस देने के लिए तयशुदा मानकों में सुधार किया गया है. अब अनुज्ञप्ति के लिए आवेदक को कृषि विज्ञान में […]

सासाराम ग्रामीण : उर्वरक विक्रेताओं को अपने कारोबार के लिए जारी लाइसेंस बचाये रखने के लिए एक वर्ष का डिप्लोमा कोर्स करना अनिवार्य होगा. सरकार के नये प्रावधानों के अनुसार, नये उर्वरक कारोबार के लिए लाइसेंस देने के लिए तयशुदा मानकों में सुधार किया गया है.

अब अनुज्ञप्ति के लिए आवेदक को कृषि विज्ञान में स्नातक व रसायन शास्त्र में स्नातक की डिग्री प्राप्त होनी चाहिए. किसी भी बीज व कृषि संबंधित दवा विक्रेताओं को डिप्लोमा अनिवार्य है. यदि पुराने विक्रेता हैं, तो उन्हें भी डिप्लोमा कोर्स करना अनिवार्य होगा, नहीं तो उनकी दुकान की अनुज्ञप्ति रिन्यू नहीं होगा.
इस मामले में एक बड़ा पेंच यह है कि अब तक जारी की गई अनुज्ञप्ति के मामले में विक्रेता उपरोक्त मानदंड को पूरा नहीं करते आ रहे हैं. ऐसे में सरकारी दिशा निर्देश के अनुरूप कारोबार संचालन के लिए 48 दिवसीय डिप्लोमा कोर्स की शुरुआत की गयी है. यह कोर्स उर्वरक विक्रेताओं को बिक्री की मान्यता प्रदान करेगा.
क्या कहते हैं पदाधिकारी
आत्मा के परियोजना निदेशक विजय कुमार द्विवेदी ने बताया कि उर्वरक विक्रेताओं को अपना लाइसेंस बचाने के लिए डिप्लोमा कोर्स की अनिवार्यता है. प्रशिक्षण के साथ ही आयोजित परीक्षा में उत्तीर्णता के साथ प्राप्त सर्टिफिकेट इसके लिए मान्य होगा. इसके साथ ही नये लाइसेंस लेने वालों के लिए भी सर्टिफिकेट कोर्स का प्रमाण पत्र अनिवार्य होगा.
इसके तहत सिर्फ उर्वरक का लाइसेंस लिया जा सकेगा. वहीं 48 दिवसीय डिप्लोमा पाठ्यक्रम उत्तीर्ण प्रमाण पत्र के साथ अनुज्ञप्ति के इच्छुक आवेदक को उर्वरक बीज व दवा तीनों का लाइसेंस प्राप्त करने के पात्रता होगी.
डिप्लोमा कोर्स के लिए पहला बैच शुरू
यह प्रशिक्षण कार्यक्रम एक डिप्लोमा पाठ्यक्रम होगा, जो 48 कार्य दिवसों में वर्ग कक्षाओं के माध्यम से संचालित किया जा रहा है. इसके लिए सप्ताह का शनिवार को प्रशिक्षण के लिए निर्धारित किया गया है. प्रशिक्षण आत्मा व मैनेज संस्था के तत्वावधान में देसी प्रशिक्षण चल रहा है.
ऐसे में पूर्व के उर्वरक विक्रेताओं को सरकार के कार्यक्रम डिप्लोमा इन एग्रीकल्चर एक्सटेंशन सर्विस एंड इनपुट देसी के माध्यम से प्रति सप्ताह प्रशिक्षण वर्ग आयोजित कर 48 कार्य दिवसों में आधारभूत एवं तकनीकी ज्ञान दिया जाएगा.
इसके पश्चात लिखित परीक्षा का आयोजन कर उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को प्रमाण पत्र भी वितरित किया जाएगा. बीते 7 दिसंबर को प्रशिक्षण का शुभारंभ कलेक्ट्रेट स्थित डीआरडीए सभागार में जिलाधिकारी पंकज दीक्षित ने किया. जिसमें 40 उर्वरक विक्रेताओं के प्रथम बैच के प्रशिक्षण शुरू है.

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