गंठबंधन टूटने से चढ़ा सियासी पारा
सासाराम (कार्यालय) : 17 सालों का साथ आखिरकार छूट ही गया. भाजपा और जदयू का साथ क्या छूटा कल तक साथ चलने वाले नेताओं के बोल भी बदल गये. 1996 में भाजपा व जदयू का गंठबंधन कुछ मुद्दों को लेकर हुआ था. कई विकट परिस्थितियों और झंझातों के बीच दोनों का साथ निबहता रहा, लेकिन […]
सासाराम (कार्यालय) : 17 सालों का साथ आखिरकार छूट ही गया. भाजपा और जदयू का साथ क्या छूटा कल तक साथ चलने वाले नेताओं के बोल भी बदल गये. 1996 में भाजपा व जदयू का गंठबंधन कुछ मुद्दों को लेकर हुआ था.
कई विकट परिस्थितियों और झंझातों के बीच दोनों का साथ निबहता रहा, लेकिन अंतत: रविवार को दोनों ने अपनी राहें अलग कर लीं. इसका असर जिले में देखने को मिला. जहां भाजपा के नेताओं ने नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाने का ख्वाब देख नीतीश कुमार की आलोचना की. वही जदयू अकलियत समाज की चिंता जताते हुए अपने स्टैंड पर कायम रहने की सराहना भी कर रहे.