17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

दुकान आवंटन में हुआ गड़बड़झाला

नगर पर्षद को नहीं है नियमों की परवाहसासाराम कार्यालय : सरकारी कार्यालयों में नियमों की धज्जियां तो आये दिन उड़ती ही रहती हैं, लेकिन जब किसी मामले में हाइकोर्ट का आदेश आ जाये तब भी यदि विभाग सक्रिय न हो तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि स्थिति कितनी भयावह है. मामला छह साल पहले […]

नगर पर्षद को नहीं है नियमों की परवाह
सासाराम कार्यालय : सरकारी कार्यालयों में नियमों की धज्जियां तो आये दिन उड़ती ही रहती हैं, लेकिन जब किसी मामले में हाइकोर्ट का आदेश आ जाये तब भी यदि विभाग सक्रिय न हो तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि स्थिति कितनी भयावह है. मामला छह साल पहले नगर पर्षद द्वारा बैलखाने में दुकानों के आवंटन को लेकर की गयी गड़बड़ियों का है.

नगर पर्षद के अधिकारियों ने नियमों को ताक पर रख न सिर्फ दुकानों को बंदोबस्त किया, बाद में जब उक्त मामले को लेकर आवेदक हाइकोर्ट की शरण में गया और कोर्ट ने फटकार लगाते हुए आवेदक को दुकान दिलाने के लिए आदेश भी दिया.

आवंटन में हुई धांधली

दिसंबर-2006 में नगर पर्षद अंतर्गत बैलखाना में दुकानों के आवंटन के लिए खुली बोली का प्रावधान किया गया था. इसमें आवेदक नरेंद्र नाथ ने नियमानुकूल 20,000 की राशि नगर पर्षद के खाते में जमा की थी. बाद में उसे दुकान आवंटित होने की सूचना पर बकाया 2.05 लाख रुपया भी 2007 में जमा करा लिया गया, लेकिन उसे अब तक दुकान आवंटित नहीं हो सकी है.

हाइकोर्ट की अवहेलना

2007 के बाद से जब आवेदक को दुकान नहीं मिल पाया, तो 2012 में मामला हाइकोर्ट तक जा पहुंचा. हाइकोर्ट ने इसके सभी बिंदुओं की जांच करते हुए 18 जनवरी, 2013 को फैसला दिया कि आवेदक को जल्द से जल्द 201 वर्गफुट की दुकान की व्यवस्था की जाये. लेकिन, आदेश के छह माह बीतने के बाद भी नगर पर्षद के अधिकारी द्वारा कोई कार्रवाई न करना आवेदक के साथ घोर अन्याय तो है ही. कोर्ट के आदेश की भी अवहेलना हो रही है.

नगर पर्षद की मनमानी

पूर्व में भी इस तरह के कई फैसलों से नगर पर्षद की भूमिका संदिग्ध रही है. शहर के अति महत्वपूर्ण इलाके में स्थित बैलखाना की दुकानें कई वर्षो से खाली है. एक तरफ तो पर्षद संसाधनों की कमी होने का रोना रोता रहता है. वही दूसरी ओर अपने कार्यक्षेत्र में आने वाले संसाधनों का समुचित उपयोग भी नहीं कर पाता है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें