सासाराम कार्यालय : वरीय अधिकारियों के आदेशों की अवहेलना या नियमों में छूट दे मनमाना फैसला लेने की बात कई विभागों से आ रही है. लेकिन, मुख्यालय से आये विभागीय पत्रों की अनदेखी कर खुलेआम अखबारों के माध्यम से नियमों को तोड़ने के प्रयास का मामला शायद पहली बार आया है.
सारा झमेला जिला पर्षद द्वारा 7.5 लाख रुपये से कम की योजना को टेंडर के माध्यम से कराने को लेकर है. गौरतलब है कि पंचायती राज विभाग द्वारा 13 जून को प्रधान सचिव के हवाले से पत्र जारी किया गया है कि 7.5 लाख से कम की योजनाओं के क्रियान्वयन में विभाग स्वयं निर्णय ले कार्य करा सकती है.
7.5 लाख से ऊपर की योजना का टेंडर जरूरी है. लेकिन, शनिवार को ही एक स्थानीय समाचारपत्र में जिला अभियंता के माध्यम से जिले के कई प्रखंडों में आंगनबाड़ी केंद्र बनाने के लिए टेंडर मांगे गये हैं. डीडीसी समेत डीएम के साथ हुई बैठक में जिला पर्षद सदस्यों ने इन बातों की चर्चा भी की थी.
इस पर अभी निर्णय आना बाकी है. इसी बीच जिला अभियंता द्वारा इस तरह से निर्णय लेते हुए टेंडर प्रक्रिया शुरू करना जिला पर्षद सदस्यों को रास नहीं आ रहा है. अब इसे अभियंता की मनमानी कहें या अफसरशाही का नमूना.
इससे क्षुब्ध हो सभी जिला पार्षद सदस्यों ने आठ जुलाई से जिला पर्षद कार्यालय में तालाबंदी करने का निर्णय लिया है. इस पर भी यदि सुनवाई नहीं होती है तो पार्षद मान-सम्मान के लिए त्यागपत्र देने की तैयारी कर रहे हैं.