किसानों की समस्याओं पर सरकार गंभीर नहीं

सासाराम (ग्रामीण) : मांगों को लेकर शुक्रवार को किसान महासंघ ने जिला समाहरणालय के सामने धरना दिया. इसमें वक्ताओं ने राज्य सरकार को जन व किसान विरोधी बताया. किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं होने के लिए राज्य सरकार को दोषी ठहराया. साथ ही, जिले में खाद संकट के लिए जिला कृ षि पदाधिकारी को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 20, 2014 4:00 AM

सासाराम (ग्रामीण) : मांगों को लेकर शुक्रवार को किसान महासंघ ने जिला समाहरणालय के सामने धरना दिया. इसमें वक्ताओं ने राज्य सरकार को जन व किसान विरोधी बताया. किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं होने के लिए राज्य सरकार को दोषी ठहराया. साथ ही, जिले में खाद संकट के लिए जिला कृ षि पदाधिकारी को दोषी ठहराया.

इस मौके पर अध्यक्षीय भाषण में किसान महासंघ के संस्थापक रामाशंकर सिंह ने कहा कि राज्य के किसानों को उसकी उपज का सही मूल्य नहीं मिल रहा है. बिचौलिये चांदी काट रहे हैं. खरीद नहीं शुरू होने से किसान सरकारी समर्थित मूल्य से कम कीमत पर धान बेचने को मजबूर हैं. वहीं, क्रय केंद्र कुछ न कुछ बहाना बना कर धान नहीं खरीद रहे हैं, जिससे किसानों को करोड़ों रुपये का नुकसान हो रहा है. उन्होंने कहा कि इस वर्ष धान में नमी का बहाना बना क्रय केंद्रों पर धान की खरीद शुरू नहीं हुई है. श्री सिंह ने कहा कि जिले में यूरिया का घोर संकट है. कालाबाजारियों की चांदी कट रही है. अधिकारी लापरवाह हैं.
धरना के बाद महासंघ ने डीएम को आठ सूत्री मांग पत्र सौंपा. इसमें खाद की कालाबाजारी रोकने, उचित मूल्य पर यूरिया नहीं मिलने, पैक्सों को धान आवंटन किये जाने, मंत्री की घोषणा के बाद धान खरीद में देरी, किसानों को एक बोरे की कीमत 10 रुपये देन, किसानों में शीघ्र डीजल अनुदान के रुपये बांटने, बिक्रमगंज स्थित कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा किसानों को घटिया बीज की जांच करने आदि मांगें शामिल हैं. धरना को कृष्ण सिंह, गोवर्द्धन सिंह, पीके सिन्हा व संतोष कुमार सिंह आदि ने भी संबोधित किया. नेताओं ने कहा कि मांगों का शीघ्र समाधान नहीं हुआ, तो महासंघ द्वारा व्यापक पैमाने पर आंदोलन किया जायेगा.

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