सरकारी पैसों का दुरुपयोग
सासाराम (ग्रामीण) : रोहतास जिले के अधिकतर बीडीओ व सीओ के घर जिला व अनुमंडल मुख्यालयों में हैं, जहां से वे लोग हर रोज कार्यालय आते व जाते हैं. इससे सरकार की योजनाएं प्रभावित होती हैं. साथ ही, सरकारी राशि व संसाधनों का प्रयोग निजी स्वार्थ के लिए भी किया जाता है. आधिकारिक सूत्रों के […]
सासाराम (ग्रामीण) : रोहतास जिले के अधिकतर बीडीओ व सीओ के घर जिला व अनुमंडल मुख्यालयों में हैं, जहां से वे लोग हर रोज कार्यालय आते व जाते हैं. इससे सरकार की योजनाएं प्रभावित होती हैं. साथ ही, सरकारी राशि व संसाधनों का प्रयोग निजी स्वार्थ के लिए भी किया जाता है.
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, इन अधिकारियों द्वारा न केवल सरकार वाहनों का दुरुपयोग किया जाता है, बल्कि इससे बेवजह खर्च भी बढ़ता है. साथ ही, डीजल संचय की योजना की भी अनदेखी की जाती है. सरकारी वाहनों का इस्तेमाल अधिकारियों के परिजन, पत्नी व बच्चे भी करते हैं. इससे सरकार के लाखों रुपये वाहनों के रख-रखाव पर खर्च हो रहे हैं.
प्रभावित हो रहा योजना: अधिकारियों के देरी से प्रखंड मुख्यालय आने के कारण हमारा गांव हमारी योजना, पूर्व में पदाधिकारी आपके गांव व जनता दरबार आदि योजनोओं के साथ-साथ घटनाओं-दुर्घटनाओं के बाद तत्काल अधिकारियों के नहीं पहुंचने से कई योजनाएं प्रभावित होती हैं. अधिकारी सुबह 11 बजे आते हैं व चार बजे आनन-फानन में लौट जाते हैं. इससे न तो योजनाओं की सही क्रियान्वयन हो पाता है और न ही उनकी मॉनीटरिंग. इस कारण कई प्रखंडों में योजनाएं महज खानापूर्ति के लिए ही चल रही है, जबकि क्षेत्र भ्रमण के नाम पर हर रोज हजारों रुपयों का डीजल क्षेत्र भ्रमण के नाम पर खर्च होता है, जो सरकारी राशि का दुरुपयोग है.
किस अधिकारी का आवास कहां: तीनो अनुमंडल के सीओ व बीडीओ अपने अपने मुख्यालय में रहते है. लेकिन सासाराम अनुमंडल के नोखा, करगहर, चेनारी के बीडीओ-सीओ सासाराम में, डेहरी अनुमंडल के अकोढ़ीगोला, तिलौथू, रोहतास के बीडीओ डेहरी में, बिक्रमगंज अनुमंडल के संझौली, सूर्यपुरा, दावथ, काराकाट के बिक्रमगंज में व राजपुर के अधिकारी नोखा व डेहरी में रहते हैं.