ठेकेदार व मुंशी पर प्राथमिकी
सासाराम (नगर) : कुम्हऊ स्टेशन के पास शनिवार को अजमेर-सियालदह एक्सप्रेस व मालगाड़ी की चपेट में आने से मारे गये रेलवे के एक सीनियर सेक्शन इंजीनियर व चार मजूदरों के शवों का पोस्टमार्टम 22 घंटे बाद रविवार को सदर अस्पताल में किया गया. इससे पहले अस्पताल में मृतकों के परिजन शनिवार की देर रात तक […]
सासाराम (नगर) : कुम्हऊ स्टेशन के पास शनिवार को अजमेर-सियालदह एक्सप्रेस व मालगाड़ी की चपेट में आने से मारे गये रेलवे के एक सीनियर सेक्शन इंजीनियर व चार मजूदरों के शवों का पोस्टमार्टम 22 घंटे बाद रविवार को सदर अस्पताल में किया गया. इससे पहले अस्पताल में मृतकों के परिजन शनिवार की देर रात तक मुआवजा की मांग पर अड़े रहे. काफी मान-मनौव्वल के बाद परिजनों ने शवों का पोस्टमार्टम कराने के लिए राजी हुए.
जीआरपी के इंस्पेक्टर अजय कुमार ने बताया कि रेलवे के कार्य में मजदूरों को कॉन्ट्रैक्ट पर लगानेवाले ठेकेदार व मुंशी पर गैर-इरादतन हत्या की प्राथमिकी दर्ज करने के बाद ही परिजनों ने शवों का पोस्टमार्टम कराया. ठेकेदार गया शहर के बाटा मोड़ के रहनेवाले संजय शर्मा व गया जिले के कोच के रहनेवाले मुंशी धनेश्वर यादव के विरुद्ध धारा 304 व 34 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी है.
जांच के लिए उच्चस्तरीय कमेटी गठित : इस मामले की जांच के लिए मुगलसराय मंडल के डीआरएम विद्याभूषण ने एक कमेटी गठित की है. कमेटी को 15 दिन के अंदर जांच कर रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है. सूत्रों की मानें, तो जिस रेल ट्रैक पर मजदूर काम कर रहे थे, उस पर कॉशन नहीं लगाया गया था.आखिर कॉशन लगाने की जिम्मेदारी किस की थी? मजदूरों की या संबंधित ठेकेदार, मुंशी या फिर रेल प्रशासन की. हालांकि, डीआरएम ने कुशल मजदूरों के नहीं होने की बात कह फिलहाल मामले को ठंडे बस्ते में डालने की कोशिश कर रहे हैं. उनका मानना है कि यदि रेलवे के अपने मजदूर होते, तो बहुत हद तक घटना को टाला जा सकता था. क्योंकि, हादसे में जो भी मजदूर मरे हैं वह कार्य की दृष्टिकोण से अनुभवी नहीं थे.