जिले के कई गांवों को है सड़कों की दरकार
सासाराम (रोहतास): बिहार के ग्यारह जिले नक्सल प्रभावित हैं. इसको देखते हुए राज्य सरकार ने ऐसे जिलों में सड़क बनाने की रफ्तार धीमी कर दी है. रोहतास जिला भी उन्हीं में से एक है. सभी उग्रवाद प्रभावित जिलों में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अधीन 250 आबादी वाले गांवों को जाड़ने के लिए सड़क बनाने […]
लेकिन, अभी भी करीब 474 गांव ऐसे हैं, जो अभी भी सड़कों से दूर हैं. ऐसे गांव नियमावली के दायरे में नहीं आने के कारण सड़कों से नहीं जुड़ सके है. पीएमजीएसवाइ (प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना) में वैसे ही गांव को जोड़ना है, जो एनएचएस डाटा में शामिल हैं.
लेकिन, रोहतास जिले के 569 गांव एनएचएस डाटा में है ही नहीं. इसके कारण पीएमजीएसवाइ के तहत सड़कें नहीं बन पा रही हैं. हालांकि, इनमें 95 गांवों की सड़कें पूर्व में राज्य सरकार बना चुकी है. नवंबर 2012 में राज्य सरकार के निर्देश पर मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना के तहत सासाराम में 38 सड़क (57.78 किमी), चेनारी में 18 सड़क (27.50 किमी), शिवसागर में 14 सड़क (9.20 किमी), कोचस में 43 सड़क (45.30 किमी), बिक्रमगंज में 22 सड़क (43.70 किमी), संझौली में 17 सड़क (19.40 किमी), दावथ में 17 सड़क (31.30 किमी), सूर्यपुरा में 9 सड़क (20.93 किमी), काराकाट में 24 सड़क (49.00 किमी), राजपुर में 14 सड़क (21.15 किमी), नासरीगंज में 18 सड़क (21.15 किमी), नोखा में 38 सड़क (74.90 किमी), डेहरी में 27 सड़क (40.65 किमी), अकोढीगोला में 27 सड़क (48.10 किमी), रोहतास में 19 सड़क (39.25 किमी), नौहट्टा में 25 सड़क (34.90 किमी) व तिलौथू में 21 सड़क (17.40 किमी) के लिए ग्रामीण कार्य विभाग ने बुकलेट बनाया था व उसे स्थानीय विधायकों की अनुशंसा के बाद जिला संचालन समिति से पारित भी कराया गया था. लेकिन, कार्यान्वयन के समय राज्य सरकार ने ग्यारह नक्सल प्रभावित जिलों में उसे बंद कर दिया.