सावधानी ही बचाव

जिले में डायरिया का प्रकोप सासाराम (ग्रामीण) : अब भी अस्पतालों में भरती हैं कई लोग जिले में डायरिया से पिछले 15 दिनों में लगभग 20 मौत हो चुकी है. जबकि अब भी दर्जनों लोग इससे ग्रसित हैं. धीरे–धीरे इसका प्रकोप बढ़ता जा रहा है. डेहरी व करगहर प्रखंड के कई गांवों में डायरिया महामारी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 25, 2013 2:20 AM

जिले में डायरिया का प्रकोप

सासाराम (ग्रामीण) : अब भी अस्पतालों में भरती हैं कई लोग जिले में डायरिया से पिछले 15 दिनों में लगभग 20 मौत हो चुकी है. जबकि अब भी दर्जनों लोग इससे ग्रसित हैं. धीरेधीरे इसका प्रकोप बढ़ता जा रहा है. डेहरी करगहर प्रखंड के कई गांवों में डायरिया महामारी का रूप लेता जा रहा है.

डेहरी के भुइया टोली में बापबेटी की मौत हो गयी, जबकि नौहट्टा में भी 14 वर्षीय छात्र ने डायरिया से अपनी जान गंवा दी. करगहर प्रखंड में भी तीन मासूमों की मौत डायरिया की वजह से हुई. इसके अलावा दर्जनों लोग अस्पतालों में भरती हैं. इस समय सभी के लिए यह जानना जरूरी है कि डायरिया के प्रसार को कैसे रोका जाय.

इसके बचाव के तरीके क्या हैं? डायरिया की पहचान कैसे करें और प्राथमिक उपचार में क्या करें? पेश हैं इन सभी जानकारियों को समेटे जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ रामा शंकर तिवारी से बातचीत पर आधारित रिपोर्ट.

डायरिया की वजह सावधानियां

सबसे पहले डायरिया को होने से रोकने के लिए जरूरी बातें जानना जरूरी है. बरसात के दिनों में डायरिया होने की संभावना अधिक रहती है. क्योंकि इन दिनों में पीने के पानी में गंदगी की मात्र बढ़ जाती है. इसलिए डायरिया से बचाव के लिए जरूरी है कि स्वच्छ पानी का ही इस्तेमाल हो. हो सके, तो उबाला हुआ पानी पीयें. भोजन पीने के पानी को ढंक कर रखें. खुले में रखा हुआ बासी भोजन से परहेज रखें. बाजार में सड़क किनारे बिकनेवाले खाद्य पदार्थो का सेवन करें.

फल सब्जी को धोकर खाएं सब्जियों के उपयोग से बचें. सबसे जरूरी बात बचाव सावधानी है. इससे बचने का सरल उपाय है, बच्चों को डायरिया होने की संभावना अधिक रहती है.

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