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मूर्तियों को आकार दे रहे कारीगर
डेहरी ऑन सोन(सदर) : वसंत पंचमी व सरस्वती पूजा मात्र दस दिन शेष रह गये हैं. इसे लेकर मूर्ति कलाकार युद्धस्तर पर मूर्ति निर्माण करने में लगे हुए हैं. ठंड व शीतलहरी होने व धूप नहीं निकलने के कारण कारीगरों को मूर्तियां सूखाने में परेशानी हो रही है. इससे उनकी चिंता बढ़ती जा रही है. […]
डेहरी ऑन सोन(सदर) : वसंत पंचमी व सरस्वती पूजा मात्र दस दिन शेष रह गये हैं. इसे लेकर मूर्ति कलाकार युद्धस्तर पर मूर्ति निर्माण करने में लगे हुए हैं. ठंड व शीतलहरी होने व धूप नहीं निकलने के कारण कारीगरों को मूर्तियां सूखाने में परेशानी हो रही है.
इससे उनकी चिंता बढ़ती जा रही है. शहर में करीब एक दर्जन ऐसे करीगर वर्ष भर दशहरा में दुर्गा जी व अन्य देवी-देवताओं, दीपावली में लक्ष्मी-गणोश व वसंत पंचमी में सरस्वती की मूर्तियां बना कर अपना घर-परिवार चलाते हैं. करीगरों का कहना है कि हर बार मिट्टी ही समस्या उत्पन्न हो जाती है. सरकार की तरफ से कोई सहयोग नहीं मिलता है. इसके बावजूद वे लोग पर्व-त्योहारों पर मूर्तियां समय पर डिलिवरी देनी पड़ती है.
क्या कहते हैं लोग : विगत कई वर्षो से सरस्वती जी का मूर्ति रख कर पूजा करते आ रहे शशि कुमार, संजय प्रसाद व चिंटू कुमार आदि ने बताया कि पहले जो मूर्ति तीन सौ रुपये की थी, आज उसकी कीमत एक हजार रुपये है. वैसे बाजार में पांच सौ से लेकर पांच हजार रुपये तक के मूर्तियां उपलब्ध हैं.
क्या कहते है मूर्ति कलाकार : मूर्ति कलाकार बसंत कुमार वीरेंद्र कुमार ने बताया कि मूर्ति निर्माण करने के लिए मिट्टी की घोर समस्या है0 लगभग 20-25 किलोमीटर दूर से मिट्टी मंगानी पड़ती हैं. मूर्तियों की साज सज्जा के लिए अन्य सामग्री भी ऊंची कीमत पर ही लानी पड़ती है. सरकार के तरफ से कोई सहयोग नहीं मिलता.ग्राहक कम रेट में बड़ी मूर्तियों की मांग करते हैं.
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