खादी ग्रामोद्योग के सोनू कुमार कहते हैं कि राष्ट्रीय झंडे के मानक के अनुसार, चक्र में 24 तिल्ली होनी चाहिए, जो प्लास्टिक के बने झंडे में नहीं होती हैं. प्लास्टिक, टेरीकॉटन व सूती कपड़ों के झंडे सस्ते होने के कारण खादी के बने झंडों की मांग कम हो गयी है.
उन्होंने कहा कि बाजार में हर साइज व कीमत के झंडे हैं. टेरी कॉटन के झंडे 20 से लेकर 200 रुपये में मिल रहे हैं. वहीं, झंडे खादी के झंडे 50 रुपये से लेकर 200 रुपये तक मिल रहे हैं.