दो साल में मात्र एक बैठक
जिला पर्षद की कार्यशैली पर उठ रहे सवाल सासाराम (कार्यालय) : जिला पर्षद के चुनाव हुए दो वर्ष से अधिक समय बीत गये. चुनाव के बाद विभिन्न प्रकार की समितियां, मसलन शिक्षा समिति, स्वास्थ्य समिति, उत्पाद समिति या सामाजिक न्याय समिति के अध्यक्ष व सचिवों का मनोनयन भी हो गया. लेकिन, पर्षद अंतर्गत विभिन्न समितियों […]
जिला पर्षद की कार्यशैली पर उठ रहे सवाल
सासाराम (कार्यालय) : जिला पर्षद के चुनाव हुए दो वर्ष से अधिक समय बीत गये. चुनाव के बाद विभिन्न प्रकार की समितियां, मसलन शिक्षा समिति, स्वास्थ्य समिति, उत्पाद समिति या सामाजिक न्याय समिति के अध्यक्ष व सचिवों का मनोनयन भी हो गया. लेकिन, पर्षद अंतर्गत विभिन्न समितियों की बैठक अब तक एक बार ही हो पायी है.
बिना बैठक किये जिला पर्षद में किस प्रकार से योजनाओं का चयन और एजेंसियों को कार्य दिया गया, यह जिला पर्षद की व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है. हालत यह है कि स्थायी समिति की बैठक भी पिछले दो वर्षो में एक ही बार हुई है, जबकि वित्त अंकेक्षण की तो एक भी बैठक ही नहीं हो सकी.
यह हाल उस जिला पर्षद का है जहां अधिकतर समितियों पर महिलाओं का कब्जा है, खुद अध्यक्ष एक महिला हैं और स्थायी समितियों में भी महिलाओं का ही दबदबा है.