एक बेटा लघु, तो दूसरा मध्यम किसान
सासाराम (नगर) : कृषि विभाग में किसानों के बीच अनुदानित दर पर बंटने वाले सामान में घोटाला थमने का नाम नहीं ले रहा है. जिले में अनुदानित दर पर बांटे गये. कृषि यंत्र में बड़े पैमाने पर हुए घोटाले की जांच प्रशासन ने पूरी ही नहीं की थी कि चालू वित्त वर्ष में श्री विधि […]
सासाराम (नगर) : कृषि विभाग में किसानों के बीच अनुदानित दर पर बंटने वाले सामान में घोटाला थमने का नाम नहीं ले रहा है. जिले में अनुदानित दर पर बांटे गये.
कृषि यंत्र में बड़े पैमाने पर हुए घोटाले की जांच प्रशासन ने पूरी ही नहीं की थी कि चालू वित्त वर्ष में श्री विधि महाभियान के तहत किसानों के बीच वितरित खरीफ फसल कीट में बड़े पैमाने पर विभाग के नुमाइंदे ने अनियमितता बरती है.
हालांकि, डीएम ने इस अनियमितता को गंभीरता से लेते हुए विभाग के आला अधिकारी को जांच की जिम्मेवारी सौंपी है. लेकिन, बार–बार सरकारी रुपये की हो रहे बंदरबांट से विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़े होने लगे हैं. दिनारा प्रखंड के वरूना (बलियां पंचायत) निवासी नारायण गिरि द्वारा मांगी गयी वांछित सूचना ने कृषि विभाग की व्यवस्था को कटघरे में खड़ा कर दिया है.
विभाग ने वैसे लोगों को किट दिया है, जिसमें एक ही परिवार के कई सदस्य है. यही नहीं नुमाइंदे ने एक बेटे को लघु किसान, तो दूसरे को पिछड़ा कृषक की श्रेणी में रख कर योजना का लाभ दिया है.
बलियां( दिनारा) पंचायत के किसान सलाहकार सुमंत कुमार द्वारा अनुशंसित चयनित किसानों की सूची में करमैनी निवासी बदरी तिवारी के तीनों पुत्र नंद कुमार तिवारी, वेकूंठ तिवारी व सीता राम को किट दिये गये हैं. इसी गांव के इंद्रदेव तिवारी के पुत्र राज किशोर तिवारी तथा दूसरे बेटे बुधन तिवारी को भी सामन उपलब्ध उपलब्ध कराये गये है.
सहुआड़ी निवासी राजेंद्र सिंह की पत्नी राम सवारी कुंवर एक पुत्र संतोष कुमार को मध्यम वर्गीय श्रेणी में रख कर श्रीविधि महाभियान योजना का लाभ दिया गया है,तो दूसरे बेटे को लघु किसान मान उन्हें कीट दी गयी. यह तो अनियमितता का एक नमूना है. वितरण में हुई धांधली की एक लंबी फेहरिस्त है.